नागपुर विवि गीत ने बनाया ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड’ (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Rashtrasant Tukdoji Maharaj Death Anniversary: राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के गीत ‘या भारतात बंधुभाव नित्य वसु दे।।।’ ने शनिवार को ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में नाम दर्ज कराया। इस रिकॉर्ड के माध्यम से विवि द्वारा तुकड़ोजी महाराज को श्रद्धांजलि दी गई। विवि के राष्ट्रीय सेवा योजना विभाग, विद्यार्थी विकास विभाग, क्रीड़ा एवं शारीरिक शिक्षा विभाग और राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज अध्यासन ने संयुक्त रूप से जमनालाल बजाज प्रशासकीय भवन परिसर में समूह गायन कर यह रिकॉर्ड बनाया।
इस अवसर पर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड सहित कुल 4 विश्व रिकॉर्ड का ऐतिहासिक रिकॉर्ड भी बन गया। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मार्गदर्शन करते हुए उनके मानवतावाद का अनुकरण करने की अपील की और तुकड़ोजी के विचारों को आज भी प्रासंगिक बताया। कार्यक्रम में हास्य कलाकार भारत गणेशपुरे, राज्य मंत्री डॉ.पंकज भोयर, आशीष जायसवाल, विधायक डॉ.आशीष देशमुख, उपकुलपति डॉ. माधवी खोड़े चवरे, प्र-उपकुलपति डॉ.सुभाष कोंडावार, कुलसचिव डॉ. राजू हिवसे, आयकर विभाग के अतिरिक्त आयुक्त उपसेन बोरकर (आईआरएस), अखिल भारतीय श्री गुरुदेव सेवा मंडल के महासचिव जनार्दनपंत बोथे, प्रबंधन परिषद सदस्य डॉ. समय बंसोड़, इंग्लैंड से गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स इंस्पेक्टर इमा ब्रेन, मिलिंद वेर्लेकर, वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक ऑफ इंडिया के संजय नार्वेकर व सुषमा नार्वेकर, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड व इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के डॉ. मनोज तत्ववादी आदि उपस्थित थे।
सामूहिक गीत गायन के लिए 52 हजार से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया था। इसमें 16 हजार से अधिक लोग प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित रहे और 15 हजार से अधिक छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर भाग लेकर विश्व रिकॉर्ड बनाया।
गीत गायन ने वीडियो एल्बम की श्रेणी में ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड’ दर्ज किया। 5,000 लोगों द्वारा एक साथ गीत गाने का पिछला विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया। इतना ही नहीं, इसमें 15,402 विद्यार्थियों ने भाग लिया। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की प्रतिनिधि एमा ब्रेन ने रिकॉर्ड की घोषणा की। उपकुलपति सहित आयोजन समिति के साथ विश्व रिकॉर्ड का प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया। गीत गायन ने गिनीज के साथ ही 3 और विश्व रिकॉर्ड दर्ज किए। इनमें एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स भी बनाया।
गडकरी ने कहा कि जब विश्व संघर्ष के कगार पर है, राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज द्वारा दिया गया मानवता और राष्ट्रीय एकता का संदेश और भी प्रासंगिक हो रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा अपनाए गए गीत के माध्यम से राष्ट्रसंत ने मानवता का सुंदर बोध कराया है। मानवता के धर्म से बड़ा कोई धर्म, जाति या संप्रदाय नहीं है। गडकरी ने कहा कि मानवता के धर्म का पालन करना ही राष्ट्रसंत को सच्ची श्रद्धांजलि है। कलाकार गणेशपुरे ने अपनी हास्य शैली से ग्रामगीता के श्लोक ‘मैं अपनी पत्नी और बच्चों के लिए चिंतित था…’ के माध्यम से बताया कि हमारा जीवन कैसा होना चाहिए।
राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज ने ग्रामगीता में बहुत ही सुंदर ढंग से वर्णन किया है कि कैसे सांसारिक विषयों से व्यथित व्यक्ति वैराग्य धारण कर संसार के आचरण की ओर लौट जाता है। सफलता हेतु डॉ. देवेंद्र भोंगाडे, डॉ. नीलकंठ लंजे, डॉ.मेधा कानेटकर, डॉ. विजय खंडाल, डॉ. सोपानदेव पिसे, डॉ.संभाजी भोसले, डॉ. विजयालक्ष्मी थोटे ने परिश्रम कियाये।