सावित्री की बेटी 'भाग्यश्री' बनी सफलता की मूर्ति। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: “संकट आते हैं, लेकिन अगर जिद हो तो सफलता निश्चित है!” इस कथन को सच कर दिखाया है नागपुर की भाग्यश्री राजेश नायकाळे ने। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) 2024 की परीक्षा में उन्होंने 737वीं रैंक हासिल कर न सिर्फ ओबीसी समाज का, बल्कि ‘महाज्योति’ संस्थान का भी नाम रोशन किया है।
बिना किसी कोचिंग क्लास की मदद लिए, सिर्फ स्व-अध्ययन (सेल्फ स्टडी) के बल पर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है। उनके इस संघर्षमय सफर में ‘महात्मा ज्योतिबा फुले अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (महाज्योति)’ द्वारा दी गई छात्रवृत्ति और आर्थिक सहायता ने अहम भूमिका निभाई। यह जानकारी महाज्योति के प्रभारी प्रबंध संचालक प्रशांत वावगे ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी।
प्रशांत वावगे ने बताया कि सरकारी सेवा में जाने का सपना अनेक छात्रों का होता है। इसके लिए राज्य के लाखों छात्र यूपीएससी, एमपीएससी और अन्य स्पर्धात्मक परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। इन्हीं छात्रों के शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए राज्य सरकार के अन्य पिछड़ा वर्ग बहुजन कल्याण विभाग की स्वायत्त संस्था ‘महाज्योति’ कार्यरत है। यूपीएससी 2024 के हाल ही में आए परिणाम में ओबीसी वर्ग के 28 छात्रों ने सफलता प्राप्त की है, जिनमें भाग्यश्री भी शामिल हैं।
भाग्यश्री के पिता इलेक्ट्रीशियन हैं, और घर की आर्थिक स्थिति सामान्य होने के कारण महंगे कोचिंग क्लासेस संभव नहीं थे। लेकिन उनकी मेहनत, लगन और सपनों में विश्वास ने यह सफलता दिलाई। महाज्योति द्वारा दी गई छात्रवृत्ति और प्रेरणा से उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। किसी कोचिंग की मदद के बिना सिर्फ महाज्योति के मार्गदर्शन और अपनी मेहनत से उन्होंने देश में अपना स्थान सुनिश्चित किया।
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इस साल की यूपीएससी परीक्षा में राज्य के 16 जिलों के 28 ओबीसी छात्रों ने सफलता प्राप्त की, जिन्हें महाज्योति द्वारा बेहतरीन प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान की गई। विशेष रूप से भाग्यश्री जैसी छात्राओं ने सीमित संसाधनों में भी अपार परिश्रम से सफलता प्राप्त कर सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं। “सिर्फ सुविधाएं काफी नहीं होतीं, जिद और सही दिशा चाहिए!” यह बात भाग्यश्री ने सच कर दिखाई। यूपीएससी में 737वीं रैंक प्राप्त करने वाली भाग्यश्री को ओबीसी वर्ग से होने के कारण आईपीएस या आईआरएस सेवा मिलने की संभावना है, ऐसा विश्वास प्रशांत वावगे ने जताया।
शिक्षा का महत्व अटूट है। यही शिक्षा सपनों के दरवाजे खोलने की चाबी है और इसी के बल पर हम एक सफल करियर बना सकते हैं। इसी उद्देश्य से ‘महाज्योति’ संस्था छात्रों को शासन सेवा में स्थान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है, ऐसा विश्वास व्यक्त किया है राज्य के मंत्री अतुल सावे, जो कि महाज्योति के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने बताया कि यूपीएससी में उत्तीर्ण छात्रों को मुख्य परीक्षा के लिए 50 हजार रुपये और इंटरव्यू के लिए 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गई। इसी समर्थन की वजह से इस वर्ष 28 से अधिक छात्र यूपीएससी में सफल हुए हैं। यह सफलता, महाज्योति द्वारा प्रदान किए गए उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण का प्रतिफल है, ऐसा मत मंत्री सावे ने व्यक्त किया।