निर्माणाधीन फ्लाईओवर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Nagpur RTO Flyover News: नागपुर के आरटीओ फ्लाईओवर को लेकर 31 अगस्त तक का टार्गेट रखा गया था। 31 तक कार्य पूर्ण नहीं हो सका। वैसे भी फ्लाईओवर को डेढ़ वर्ष पूर्व शुरू होना था लेकिन मंजूरी नहीं मिलने के कारण विलंब पर विलंब होता रहा। कभी महानगर पालिका ने मंजूरी नहीं दी तो कभी जमीन और पेड़ को लेकर विवाद चलता रहा।
इस बार सीपीडब्ल्यूडी ने 31 अगस्त टार्गेट लेकर चला, लोगों की उम्मीद को परवान चढ़ा, परंतु कहीं न कहीं बारिश खलनायक बन गई। सरकार की ओर से किया गया एक और वादा, वादाखिलाफी में बदल गया।
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बारिश साथ देती है तो 2-3 दिनों में आरटीओ फ्लाईओवर का काम कंप्लीट कर लिया जाएगा लेकिन इस बीच जनता का भरोसा फिर एक बार डगमगाने लगा है। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर सरकार और सरकारी अधिकारियों पर भरोसा करना तो कैसे करना।
गोकुलपेठ निवासी अजय कुमार ने कहा कि निश्चित रूप से एक बुनियादी प्रोजेक्ट किसी क्षेत्र की सूरत बदल सकता है। लोग काफी उम्मीद रखते हैं और संयम के साथ समय निकालते हैं। लोगों की दिनचर्या और कारोबार भी बड़े पैमाने पर प्रभावित होता है। आर्थिक नुकसान भी सहन करना पड़ता है।
यह भी पढ़ें:- पढ़ाने के अवाला सरकारी शिक्षक करेंगे ये भी काम, महाराष्ट्र में नए मासिक टाइमटेबल पर बवाल
ऐसे में प्रोजेक्ट का समय पर पूरा होना बहुत अहम है। सरकारी अधिकारियों को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और फोकस प्रोजेक्ट की पूर्णता पर होना चाहिए। संयम टूटने पर लोग बेसब्र हो जाते हैं, वह नौबत नहीं आनी चाहिए।
पूर्व नगर सेवक कमलेश चौधरी ने इतने बड़े प्रोजेक्ट को लेकर कोई नियोजन ही नहीं है। एक प्रोजेक्ट के लिए हजारों लोगों को परेशान कर दिया गया है। लोग गलियों में घूम-घूमकर जाने को मजबूर हो गए हैं। इसके बाद भी सरकारी अधिकारी कार्य को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
ऐसा प्रतीत होता है कि पूरी की पूरी सोच ही छलावा है। नेताओं का अधिकारी पर और अधिकारी का ठेकेदारों पर कोई नियंत्रण ही नहीं है। सभी अपनी-अपनी जगह पर मस्त हैं और जनता त्रस्त है। टार्गेट फेल होना केवल एक संयोग नहीं है बल्कि यह सीधे तौर पर लोगों को परेशान करना ही कहा जा सकता है।