नागपुर महानगरपालिका (सोर्स: सोशल मीडिया)
Nagpur Slum Regularisation News: नागपुर महानगरपालिका ने एक अनोखी पहल करते हुए निजी जमीन पर बनीं झोपड़पट्टियों को नियमित कर जमीन खरीदी और अब यहां रहने वाले गरीबों को पट्टे देने की तैयारी कर ली है। इस तरह की उदारता दिखाने वाली यह राज्य की पहली महानगरपालिका बन गई है।
नागपुर के रामटेकेनगर और कुंदनलाल गुप्तानगर में रहने वाले 316 परिवारों को जल्द ही हक का पट्टा मिलने वाला है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथों इन झोपड़पट्टीधारकों को पट्टे वितरित किए जाएंगे।
नागपुर मनपा ने अन्य झोपड़पट्टीवासियों द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों की भी छानबीन शुरू कर दी है और उन्हें भी पट्टे देने की तैयारी है। वहीं नासुप्र ने भी अपनी जमीन पर बसे लगभग 1,000 झोपड़पट्टीधारकों को पट्टे देने की योजना बनाई है। नजूल भूमि पर कब्जा करने वालों को भी इसका लाभ मिलने वाला है।
दरअसल लंबे समय से झोपड़पट्टियों में रह रहे नागरिकों को मकान का मालिकाना हक देने का निर्णय राज्य मंत्रिमंडल ने लिया था। 2018 में मुख्यमंत्री फडणवीस ने झोपड़पट्टीवासियों को पट्टा देने का अभियान शुरू किया। तब से मनपा, नागपुर सुधार प्रन्यास और नजूल की जमीनों पर बसे हजारों झोपड़पट्टीधारकों को पट्टे दिए गए।
अब तक मनपा ने अपनी 15 झोपड़पट्टियों के 4,500 घरों में से 2,200 नागरिकों को पट्टे बांटे हैं लेकिन शहर सीमा के भीतर निजी जमीन पर बनीं झोपड़पट्टियों का मामला अटका हुआ था। आखिरकार जमीन मालिकों से बार-बार चर्चा और समझौते के बाद टीडीआर के जरिए जमीन मनपा के नाम कर दी गई और रास्ता साफ हुआ।
रामटेकेनगर में जमीन मालिक से समझौता कर मनपा ने बेघरों के लिए घरों का आरक्षण तय किया। बदले में टीडीआर देकर जमीन खरीदी गई। इस क्षेत्र में कुल 423 झोपड़ियां थीं जिनमें से 114 लोगों के पट्टा आवेदन मंजूर हो चुके हैं। इन नागरिकों को पट्टा लेने से पहले स्टाम्प ड्यूटी भरनी होगी।
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कुंदनलाल गुप्तानगर की जमीन का मालिकाना हक मनपा के नाम दर्ज करने के लिए सीटी सर्वे कार्यालय में प्रस्ताव भेजा गया है। अंतिम मंजूरी मिलते ही यहां 202 परिवारों को पट्टे दिए जाएंगे। इस क्षेत्र में कुल 853 झोपड़पट्टीधारक हैं। वहीं अन्य झोपड़पट्टियों के 100 नागरिकों के दस्तावेज भी पूरे हो चुके हैं और उन्हें भी लाभ मिलेगा।
नागपुर महानगरपालिका उपायुक्त मिलिंद मेश्राम ने बताया कि निजी जमीन पर अतिक्रमण नियमित कर पट्टा वितरण करने की यह राज्य की पहली घटना है। मुख्यमंत्री फडणवीस के हाथों जल्द ही पट्टे वितरित किए जाएंगे।
लक्ष्मीनगर झोपड़पट्टी निवासी रामदास उईके ने बताया कि 1989 में 150 रुपये में लक्ष्मीनगर झोपड़पट्टी में एक झोपड़ी खरीदी थी। उस समय यहां 110 झोपड़ी वाले थे। उस समय के नगरसेवक रहे देवेंद्र फडणवीस ने उस समय से ही पट्टों के लिए संघर्ष शुरू किया। आज वे मुख्यमंत्री बनकर हमारी समस्या का समाधान कर रहे हैं। नागपुर सुधार प्रन्यास और मनपा ने यहां नागरिक सुविधाएं भी विकसित की हैं।