
मनपा चुनाव अधिकारी को ज्ञापन सौंपते ओबीसी मोर्चा के पदाधिकारी (फोटो नवभारत)
OBC Mukti Morch Objection Ward Reservation: राष्ट्रीय ओबीसी मुक्ति मोर्चा ने नागपुर महानगरपालिका की प्रभाग पद्धति के आरक्षण में विसंगतियों और पिछड़े वर्गों की आरक्षित सीटों की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक हो जाने पर गंभीर आपत्ति जताई है। मुख्य संयोजक नितिन चौधरी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने मनपा चुनाव अधिकारी निर्भय जैन को एक ज्ञापन सौंपकर चुनाव कार्यक्रम और प्रभाग प्रक्रिया को नए सिरे से करने की मांग की।
OBC मोर्चा का मानना है कि आरक्षित सीटों का समायोजन करने के लिए जिस पद्धति को चुना गया है, उसमें जनसंख्या के संबंध में विसंगति दिखाई देती है। ज्ञापन में बताया गया कि 4 और 3 सदस्यों वाली प्रभाग पद्धति में पिछड़े वर्ग की आरक्षित सीटों, विशेषकर अनुसूचित जाति की आरक्षित सीटों के लिए जनसंख्या के मानदंडों का उल्लंघन और असंगत प्रकार देखा गया। इसमें सर्वोच्च न्यायालय के 50 प्रतिशत आरक्षण के निर्देश का भी उल्लंघन हुआ है।
प्रभाग 38 के संबंध में विशेष रूप से गंभीर उल्लंघन बताया गया। यह प्रभाग 3 सदस्यों का है और यहां 50 प्रतिशत महिला आरक्षण तथा 50 प्रतिशत पिछड़े वर्ग की आरक्षित सीटों के आधार का उल्लंघन हुआ है।
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इस प्रभाग की सभी तीनों सीटें आरक्षित कर दी गई हैं, जिनमें से 2 महिलाओं के लिए और एक अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। शिष्टमंडल में मुख्य संयोजक नितिन चौधरी के साथ अधिवक्ता अशोक यावले, भूषण दडवे, कृष्णकांत मोहोड, शमीउल्ला छवारे, असलम शेख, अरुण पाटमासे और प्रदीप बरगट शामिल थे।
महानगर पालिका ने प्रभागों में आरक्षण के लिए निकाली गई ‘आरक्षण लॉटरी’ पर आपत्तियां और सुझाव मांगे थे। इसके अनुसार अब तक 11 लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई है, जिनमें विभिन्न राजनीतिक दलों के इच्छुक उम्मीदवारों का समावेश है। मनपा मुख्यालय में 8 लोगों ने, हनुमाननगर जोन में 1 ने और आसीनगर जोन में 2 लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई है।
एक ओर जहां प्रभागों के आरक्षण पर आपत्तियां और सुझाव मंगाए गए वहीं दूसरी ओर मतदाता सूची पर भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनाई गई है। प्रारूप मतदाता सूची पर 20 नवंबर से आपत्तियां मंगाई गई थीं। पहले दिन तो एक भी आपत्ति दर्ज नहीं हुई थी किंतु दूसरे दिन 4 आपत्तियां दर्ज कराई गईं। तीसरे दिन तो आपत्तियों की बाढ़ आ गई। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 24 नवंबर को अचानक एक साथ 30 आपत्तियां दर्ज हुईं। आश्चर्यजनक यह कि विशेष रूप से आसीनगर जोन में सर्वाधिक 10 आपत्तियां दर्ज की गईं जबकि गांधीबाग और सतरंजीपुरा जोन में अब तक एक भी आपत्ति दर्ज नहीं हुई है।






