नागपुर न्यूज
Nagpur Politics: 10 वर्षों से एकजुट होने के बाद भी जिसके मनपा में केवल 2 नगरसेवक हैं, उस शिवसेना ने 2-4 नहीं बल्कि कांग्रेस से 37 सीटें मांगी हैं। पार्टी नेताओं ने यह भी दावा किया कि सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत सकारात्मक रही है। कांग्रेस महाविकास आघाड़ी के तौर पर मनपा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।
इस संबंध में गठबंधन में शामिल पार्टियों की ओर से कांग्रेस के साथ गठबंधन करने और सीटें बांटने का प्रस्ताव दिया जा रहा है। बुधवार को ठाकरे गुट के नेताओं ने कांग्रेस शहराध्यक्ष, विधायक विकास ठाकरे से मुलाकात की। इस अवसर पर पार्टी उप नेता व मनपा चुनाव निरीक्षक विजय कदम, संपर्क प्रमुख सतीश हरडे, जिला प्रमुख किशोर कुमेरिया आदि मौजूद थे। बैठक में शिवसेना ने चुनाव के लिए 37 सीटों की मांग की। कांग्रेस ने भरोसा दिलाया कि इस प्रस्ताव पर सकारात्मक विचार किया जाएगा।
जब शिवसेना 2 हिस्सों में नहीं बंटी थी तब मनपा में सर्वाधिक 9 नगरसेवक चुनकर आये थे। 2012 में शिवसेना के यह सबसे ज्यादा नगरसेवक थे। इसमें शेखर सावरबांधे, किशोर कुमेरिया, अलका दलाल, प्रवीण सांदेकर, शीतल घरत, जयश्री जांभुले, श्याम दडमल, बंडू तलवेकर व अन्य का समावेश था। इसके बाद शिवसेना के 6 नगरसेवक जीतकर आये, जबकि 2017 में यह आंकडा 2 पर आकर सिमट गया।
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कुमेरिया व गवरे ही प्रभाग क्रमांक 28 से जीत कर आये थे। इसका मतलब साफ है कि जब शिवसेना एकजुट थी तब भी उसने डबल डिजिट का आंकड़ा पार नहीं किया। अब 37 सीटें मांगकर एक तरह से कांग्रेस का सिरदर्द बढ़ा दिया है। अब देखना होगा कि कांग्रेस इस मांग पर कितनी गंभीरता दिखाती है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस के भी मनपा में सर्वाधिक 13 नगरसेवक 2002 में जीतकर आये थे। पश्चात 2007 में आंकड़ा 8 पर आ गया। अगले 5 वर्ष में यानी 2012 में यह आंकडा 5 और 2017 में एकमात्र नगरसेवक ही जीत सका। अब परिस्थिति बदल गई है। राष्ट्रवादी दो फाड़ हो गई है।
एक गुट ‘घड़ी’ लेकर घुम रहा है तो दूसरा गुट ‘तुतारी’ लेकर। पुराने रिकॉर्ड को देखने के बाद भी महाविकास आघाड़ी में शामिल शरद पवार गुट ने 25 सीटों की मांग की है। अब कांग्रेस कितनी सीटें देगी, इस पर सभी की नजरें लगी हुई हैं।