Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • TVK Rally Stampede |
  • Shardiya Navratri |
  • Asia Cup 2025 |
  • Bihar Assembly Elections 2025 |
  • Weather Update |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

कोई तो सुनो…सेकंड कैपिटल में ‘पावरलेस’ अधिकारी, उद्योग की आवाज को ‘सेतु’ की जरूरत

Nagpur News: विदर्भ के औद्योगिक विकास के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन यह प्रयास सफल नहीं हो पा रहा है। इसके लिए उद्योग जगत कई सालों से एक मांग कर रहा है ताकि उनकी आवाज मुंबई तक पहुंच सकें।

  • By प्रिया जैस
Updated On: Aug 11, 2025 | 12:55 PM

विदर्भ के उद्योग (सौजन्य-नवभारत)

Follow Us
Close
Follow Us:

Nagpur Business News: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नागपुर सहित गड़चिरोली, अमरावती, वर्धा, चंद्रपुर को औद्योगिक हब बनाने के लिए जी-तोड़ कोशिश कर भी रहे हैं। सवाल यह उठता है कि जब नये मेहमान को लाना होता है तो हर तरह से प्रयास किए जाते हैं लेकिन पुराने ‘सदस्य’ को छोड़ दिया जाता है। इससे पुराने उद्योग पर संकट मंडराने लगता है।

नये आये तो ठीक नहीं तो औद्योगिक विकास को धक्का लग जाता है। वास्तव में देखा जाए तो समस्या यह है कि संपूर्ण विदर्भ के लिए ‘उद्योग की आवाज’ सुनने वाला कोई अधिकारी ही नहीं है जिस स्तर के अधिकारी हैं उनकी पहुंच ‘मुंबई’ तक है नहीं, इसलिए जरूरी हो गया है कि विदर्भ स्तर या फिर हर बड़े संभाग के लिए एक उद्योग आयुक्त की नियुक्ति हो जो स्थानीय आवाज को मुंबई तक पहुंचा सके।

15 सालों से मांग

उद्योग जगत की यह मांग काफी पुरानी है। लगभग 15 वर्षों से मांग कर रहे हैं कि उद्योग विभाग, एमआईडीसी में एक बड़ा अधिकारी ‘स्थायी’ रूप से यहां नियुक्त हो। कुछ वर्ष पूर्व उद्योग विभाग की बात सुनी भी गई और एमआईडीसी में एक ज्वाइंट सीईओ को सप्ताह में 1 दिन नागपुर में आने का निर्णय लिया गया। उद्यमियों का कहना है कि इससे बात नहीं बन रही है क्योंकि इससे समस्या का समाधान नहीं निकल पा रहा है। निर्णय लेने में ये काफी अक्षम होते हैं और फाइलों को मुंबई भेजना ही पड़ता है।

विदर्भ में 95 से अधिक औद्योगिक क्षेत्र

आंकड़ों के अनुसार विदर्भ में लगभग 95 औद्योगिक क्षेत्र हैं जिनमें सैकड़ों उद्योग और हजारों की संख्या में लोगों को रोजगार मिला हुआ है। इन उद्योगों को बढ़ावा देने की जरूरत है। इसके लिए छोटे अधिकारियों से काम नहीं चलता है। कई बार अलग-अलग समस्याएं आती हैं जिन्हें सरकार तक पहुंचाना काफी जरूरी होता है लेकिन बातें सरकार तक पहुंच नहीं पातीं।

उद्यमी भी बार-बार मुख्यमंत्री तक पहुंच नहीं पाते हैं। ऐसे में वरिष्ठ अधिकारी ‘सेतु’ का काम कर सकते हैं। आंकड़ों के अनुसार नागपुर में 15, भंडारा में 6, गोंदिया में 6, चंद्रपुर में 13, गड़चिरोली में 5, वर्धा में 6, अमरावती में 13, अकोला में 7, बुलढाना में 7, वाशिम में 5, यवतमाल में 11 औद्योगिक क्षेत्र हैं।

जेडी ऑफिस में कर्मी नहीं

ज्वाइंट डायरेक्टर का पद संभाग में सबसे बड़ा है। विदर्भ में 2 पद नागपुर और अमरावती में हैं परंतु अक्सर यह देखा जाता है कि पद रिक्त रहते हैं। इसके बाद कई जिलों में महाप्रबंधक भी नहीं होते। एक-एक व्यक्ति को प्रभार देकर कार्यालय को आगे बढ़ाया जाता है।

नीचे के स्तर पर तो कर्मचारियों की इतनी कमी है कि बताना मुनासिब नहीं लगता। प्रत्येक जिले के लिए निरीक्षक तक नहीं है। बस काम चल रहा है और गाड़ी आगे बढ़ रही है। इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि विदर्भ में उद्योग ‘संचालित’ करने वाले कार्यालयों की हालत कैसी है।

एमआईडीसी को पावर ही नहीं

उद्यमियों का यह भी आरोप है कि एमआईडीसी में छोटे से छोटे काम के लिए भी फाइल को मुंबई भेजना पड़ता है। ‘इज आफ डुइंग बिजनेस’ केवल कागजों पर है। हर कुछ ‘पारदर्शी’ नहीं है। ऑनलाइन के नाम पर भी खेला हो रहा है। रीजन ऑफिसर कोई फाइल यहां फाइनल नहीं कर सकते हैं। यही कारण है कि अधिकारियों को बार-बार मुंबई का चक्कर काटना पड़ता है। ऐेसी परिस्थिति में न्याय की उम्मीद करना उचित नहीं है।

यह भी पढ़ें – NEP 2025 का ड्राफ्ट तैयार, इन 2 नए विषयों की हुई एंट्री, 27 अगस्त तक मांगे सुझाव

एक भी काम नहीं होता यहां

यहां पर उद्योग से संबंधित कोई भी काम नहीं होता है। हर काम के लिए मुंबई का चक्कर लगाना पड़ता है। ऐेसे में उद्योग का समय और पैसा बर्बाद होता है। माहौल भी नकारात्मक होता है। सरकार का ‘इज ऑफ डुइंग बिजनेस’ का कंसेप्ट भी ध्वस्त हो जाता है, इसलिए नागपुर में उच्च अधिकार प्राप्त अधिकारी समय की जरूरत है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के रहते ही हम न्याय की उम्मीद कर सकते हैं। भविष्य में हो रहे विस्तार को देखते हुए अभी से पहल बहुत जरूरी है। जब हमें दिक्कत है तो चंद्रपुर, गोंदिया वालों का हस्र क्या हो रहा होगा, वे ही बयां कर सकते हैं।

  • प्रदीप खंडेलवाल, पूर्व अध्यक्ष, बीएमए

पावर के साथ मिले अधिकारी

निश्चित रूप से विदर्भ में उद्योग के लिए पावरफुल अधिकारी की कमी है। नागपुर में उद्योग आयुक्त के होने से संपूर्ण विदर्भ के उद्यमियों को लाभ मिलेगा। मुंबई चक्कर लगाना बंद होगा। बढ़ते उद्योग के दौर में यह समय की मांग है। इसी प्रकार एमआईडीसी में भी पावरफुल रीजन ऑफिसर होना चाहिए। आज हर फाइलें मुंबई भेजनी पड़ती हैं। डिप्टी सीईओ सप्ताह में आते हैं लेकिन उनके पास कोई पावर नहीं होता। इससे समस्या का समाधान नहीं निकल पाया है। कार्यालय बड़ा होगा तो निधि भी बढ़ेगी।

  • प्रशांत मोहता, अध्यक्ष, वीआईए

अधिकारी नहीं तो काम भी नहीं

नागपुर भले ही सेकंड कैपिटल हो लेकिन अधिकारियों के मामले में अब भी गरीब बना हुआ है। अधिकार संपन्न अधिकारी मुंबई में बैठते हैं, जबकि नागपुर में ‘पावरलेस’ अधिकारी। इस सिस्टम को बदलने की जरूरत है। यहां पर उद्योग सहित अन्य विभागों में निर्णय लेने वाले अधिकारियों का होना समय की मांग है। आज हर फाइल को मुंबई भेजना उचित नहीं है। स्थिति दिनोंदिन खराब होती जा रही है। ऑनलाइन सिस्टम फेल है। ऐेसा लगता है कि पूरा सिस्टम सेंट्रलाइज्ड होता जा रहा है। इस प्रवृत्ति से सभी परेशानी झेल रहे हैं। नागपुर में बड़े अधिकारियों को लाना ही होगा तभी विकास की कल्पना की जा सकती है।

  • पी. मोहन अध्यक्ष, एमआईए

Nagpur industry commissioner needed for industrial development of vidarbha

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Aug 11, 2025 | 12:55 PM

Topics:  

  • Business News
  • Devendra Fadnavis
  • Maharashtra News
  • Nagpur News

सम्बंधित ख़बरें

1

गुमथला-पलसाड मार्ग की दुर्दशा से ग्रामीण बेहाल, सड़क दुरुस्ती की उठी मांग, आंदोलन की चेतावनी

2

एमआईडीसी में सुरक्षा रक्षकों की दयनीय हालत, आरटीआई से उजागर हुआ सुरक्षा रक्षकों का हाल

3

‘I Love Muhammad’ की रंगोली को लेकर अहिल्यानगर में बवाल, पुलिस ने किया लाठीचार्ज, 30 लोग हिरासत में

4

राकां एसपी में बृजेश त्रिपाठी को मिली राष्ट्रीय सचिव की जिम्मेदारी, संगठन मजबूत करने का लिया संकल्प

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.