आज पेश होगा जिला परिषद का बजट। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: जिला परिषद के बजट को मुद्रांक शुल्क का इंतजार था। 27 करोड़ रुपए मुद्रांक शुल्क मिलने का रास्ता साफ हो जाने से 19 मार्च बजट पेश करने की तारीख निश्चित की गई है। जिला परिषद के सीईओ तथा प्रशासक विनायक महामुनि बजट पेश करेंगे।
जिला परिषद का मुद्रांक शुल्क 168 करोड़ रुपए राज्य सरकार पर बकाया है। पालकमंत्री ने जिला परिषद का बकाया मुद्रांक शुल्क अदा करने का आश्वासन दिया था। मुद्रांक शुल्क मिलने की आस में बजट पेश करने में विलंब हुआ। साल 2015 से जिला परिषद का मुद्रांक शुल्क सरकार पर बकाया है। उसमें से 27 करोड़ अदा करने की सरकार से हामी भरी गई है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट 42 करोड़ 33 लाख 55 हजार 954 रुपए का रहा। तत्कालीन वित्त सभापति राजकुमार कुसुंबे ने बजट पेश किया था। जिला परिषद का कार्यकाल समाप्त होने पर प्रशासक नियुक्त किया गया है। जिप सीईओ को प्रशासक के अधिकार दिए गए हैं। प्रशासक विनायक महामुनि पहली बार बजट पेश करेंगे।
मुद्रांक शुल्क मिलने से इस बार का बजट 60 करोड़ के आस-पास रहने का अनुमान है। इस बजट में जिले के ग्रामीण क्षेत्र के लिए कोई महत्वपूर्ण नवाचार योजना पेश करने की प्रबल संभावना है। प्रशासक के बजट में नवाचार योजना क्या रहेगी, यह जानने के लिए ग्रामीणों में उत्सुकता है।
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गत वर्ष 42.35 करोड़ का बजट वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 42 करोड़, 35 लाख का बजट रहा। साल 2023-2024 के संशोधित बजट के मुकाबले गत वर्ष के बजट में शिक्षा और समाज कल्याण विभाग की निधि मंजूरी में कटौती कर शिक्षा विभाग के लिए 3.70 करोड़ और समाज कल्याण विभाग के लिए 4.60 करोड़ निधि का प्रावधान किया गया था। दिव्यांग कल्याण योजना पर 1.15 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया।
पिछड़े वर्ग के किसानों को पीवीसी पाइप की नई योजना पर 20 लाख रुपए, हेल्थ इंजीनियरिंग के लिए 4.60 करोड़, पर्यटन व तीर्थस्थलों के विकास के लिए पहली बार बजट में निधि का प्रावधान किया गया था। सदस्य विकास निधि में 7.25 करोड़ और वन संरक्षण के लिए 10 लाख रुपए निधि का प्रावधान गत वर्ष के बजट की विशेषता रही। तत्कालीन वित्त सभापति राजकुमार कुसुंबे ने बजट पेश किया था।