Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • ICC Women’s Cricket World Cup |
  • Dussehra 2025 |
  • Shardiya Navratri |
  • Bihar Assembly Election 2025 |
  • Weather Update |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

नागपुर की दीक्षाभूमि पर उमड़ा जनसैलाब, धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस पर बौद्ध अनुयायियों ने किया आंबेडकर को

Nagpur News: नागपुर दीक्षाभूमि पर धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस पर लाखों अनुयायी पहुंचे। डॉ. आंबेडकर द्वारा बौद्ध धर्म अंगीकरण की याद में सुरक्षा के बीच श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा है।

  • By आकाश मसने
Updated On: Oct 02, 2025 | 02:06 PM

नागपुर स्थित दीक्षाभूमि (सोर्स: IANS)

Follow Us
Close
Follow Us:

Dhamma Chakra Parivartan Divas: भारतीय संविधान के शिल्पकार डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने 1956 में विजयदशमी के दिन ही हिंदू धर्म त्याग कर बौद्ध धर्म स्वीकारा था। गुरुवार को उनके 69वें धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस पर देशभर से बौद्ध अनुयायी इस उत्सव को मनाने के लिए नागपुर में बौद्ध धर्म के प्रमुख केंद्र ‘दीक्षाभूमि’ में एकत्र हुए हैं।

इस वर्ष दीक्षाभूमि पर भीम अनुयायियों की संख्या में भारी वृद्धि देखी जा रही है। पिछले वर्षों की तुलना में इस बार भीड़ ने सभी रिकॉर्ड तोड़ने की संभावना है। सुबह से ही दीक्षाभूमि पर अनुयायियों का सैलाब उमड़ रहा है।

सुबह से ही दीक्षाभूमि पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। इसे देखते हुए नागपुर पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किए हैं। सड़कों पर बैरिकेड्स, सीसीटीवी कैमरे और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए हैं ताकि किसी भी तरह की असुविधा न हो।

आंबेडकर और भगवान बुद्ध के विचार ही दिखा सकते हैं रास्ता

दीक्षाभूमि पर मौजूद अनुयायियों ने बाबासाहेब के विचारों को आज की वैश्विक और राष्ट्रीय चुनौतियों का समाधान बताया। अनुयायियों का कहना है कि आज जब विश्व में शांति की जरूरत है और कई देश युद्ध की स्थिति से जूझ रहे हैं, ऐसे में डॉ. आंबेडकर और भगवान बुद्ध के विचार ही रास्ता दिखा सकते हैं।

1990 से बाबासाहेब के विचारों का अनुसरण कर रहे अनुयायी ने कहा कि मैंने 2005 में दीक्षाभूमि पर बौद्ध धर्म की दीक्षा ली। बाबासाहेब ने कहा था कि मैं भले ही हिंदू धर्म में पैदा हुआ, लेकिन इसमें मरूंगा नहीं। सम्राट अशोक ने भी दशहरे के दिन बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी और उसी को आगे बढ़ाते हुए बाबासाहेब ने दीक्षा ली थी। आज के दिन विश्व भर से लोग इसलिए आते हैं ताकि लोग बाबासाहेब के बताए गए मार्ग पर चलें।

क्या बोले दीक्षाभूमि पहुंचे अनुयायी?

नीलिमा हेमंता पाटिल ने कहा कि बाबासाहेब ने हमारे लिए जो किया, उसके लिए हम उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने दीक्षाभूमि आए हैं। उनके विचार आज भी हमें प्रेरित करते हैं।

वहीं, मानसी ने बाबासाहेब को अपनी प्रेरणा बताते हुए कहा, “वह हमारे लिए पूजनीय हैं। उन्होंने कहा था पढ़ो, संगठित हो और संघर्ष करो। आज के समाज को उनके विचारों पर चलना चाहिए। लोगों को बौद्ध धर्म की किताबें पढ़नी चाहिए ताकि उन्हें अपने इतिहास और बाबासाहेब के संघर्ष का पता चले। जब तक हम पढ़ेंगे नहीं, हमें यह नहीं समझ आएगा कि हम कहां से आए हैं और हमें कहां जाना है।”

यह भी पढ़ें:- किसानों का दशहरा हुआ फीका, नासिक में भारी बारिश से फूल उत्पादकों को नुकसान

मानसी ने कहा, “लोगों को किताबें पढ़नी चाहिए। बौद्ध धर्म की शिक्षाएं और बाबासाहेब की किताबें हमें बताती हैं कि हमें क्या करना चाहिए। जब तक हमें अपने इतिहास और बाबासाहेब के संघर्ष का ज्ञान नहीं होगा, हम आज की चुनौतियों का सामना नहीं कर पाएंगे।”

अशांति का समाधान बाबासाहेब के विचारों में

विवेक ने वर्तमान परिस्थितियों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आज देश और दुनिया में जो अशांति और असमानता है, उसका समाधान बाबासाहेब के विचारों और संविधान में है। अगर हम उनके विचारों को अपनाएं तो एक बेहतर समाज और देश की नींव रख सकते हैं।

विजयादशमी का दिन इसलिए भी खास है, क्योंकि ईसा पूर्व तीसरी सदी में सम्राट अशोक ने इसी दिन बौद्ध धर्म अपनाया था। इसे धम्मक्रांति के रूप में जाना जाता है। उसी प्रेरणा से डॉ. आंबेडकर ने भी विजयादशमी के दिन धर्म परिवर्तन का फैसला लिया था। आज दीक्षाभूमि बाबासाहेब के अनुयायियों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है।

हर साल विजयादशमी पर देशभर से लाखों अनुयायी दीक्षाभूमि पर श्रद्धा और उत्साह के साथ पहुंचते हैं। यह स्थान न केवल बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए पवित्र है, बल्कि सामाजिक समानता और शांति के संदेश का भी प्रतीक है।

Ambedkar followers arrive at deekshabhoomi in nagpur dhamma chakra parivartan divas

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Oct 02, 2025 | 02:06 PM

Topics:  

  • Deekshabhoomi
  • Maharashtra
  • Nagpur
  • Nagpur News

सम्बंधित ख़बरें

1

अब सिंहस्थ कुंभ के लिए मुंबई मॉडल पर बनेगी कंक्रीट सड़क, नासिक की सड़कों पर अब नहीं दिखेंगे गड्ढे

2

किसानों का दशहरा हुआ फीका, नासिक में भारी बारिश से फूल उत्पादकों को नुकसान

3

महात्मा की स्मृतियों से भंडारावासियों ने बनाई दूरी! जहां पड़े थे गांधी पैर वहां बन रही दुकानें

4

गोंदिया में खनन विभाग की बंपर कमाई, 3 साल में की 350 पर कार्रवाई, करोड़ों का राजस्व वसूले

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.