नागपुर न्यूज (सौ. डिजाइन फोटो)
Nagpur Police Drug Probe: वर्धा रोड पर स्थित डाबो क्लब के बाहर हुई हत्या के बाद शहर पुलिस ने जांच तेज कर दी है। अब इस मामले में पुलिस ड्रग एंगल की भी गंभीरता से जांच कर रही है। पुलिस उस रात क्लब में हुई हर एक गतिविधि की जांच कर रही है। घटना की रात क्लब के अंदर क्या चल रहा था और क्या नशे के सेवन के कारण आरोपियों का व्यवहार हिंसक हुआ।
डाबो क्लब को 45 दिनों के लिए बंद किए जाने का आदेश डीसीपी जोन-1 द्वारा दिए गए हैं। इस घटना के बाद कम से कम पुलिस को सबक लेना चाहिए। डाबो के खिलाफ लगातार मिल रहीं शिकायतों के बावजूद पुलिस न जाने किसके दबाव में थी। शहर 2 दर्जन के करीब क्लब चल रहे हैं।
धरमपेठ, शिवाजीनगर, सदर और वीआर मॉल में भी देर रात तक युवाओं का जमावड़ा रहता है। अनेक विवाद सामने आते हैं। सभी क्लबों की निगरानी के साथ ही पुलिस का औचक निरीक्षण भी होना चाहिए। अन्यथा इस तरह की घटनाएं और बढ़ती रहेंगी।
क्रिसमस की शाम डाबो में हुई घटना ने अनेक प्रकार के सवाल खड़े कर दिए हैं। अब शहर के क्लबों में थर्टी फर्स्ट की तैयारियां चल रही हैं। फिर महफिलें गुलजार होंगी। क्लब के भीतर क्या कुछ होता है यह तो सभी जानते हैं। जहां शराब परोसी जाती है वहां विवाद होते हैं यह सामान्य बात है लेकिन इसे रोकने के लिए जो प्रबंध किए जाने चाहिए, उस पर किसी का ध्यान नहीं है।
शहर की होटलों में भी न्यू ईयर पार्टी का आयोजन किया जा रहा है। ऐसे ही मौकों पर ड्रग पेडलर सक्रिय होते हैं, इसीलिए जरूरी है कि सीसीटीवी के जरिए हर एक जाने-आने वाले की निगरानी की जाए।
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पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या आरोपियों ने क्लब परिसर के भीतर शराब के अलावा अन्य नशीले पदार्थों का सेवन किया था या नहीं। जांच अधिकारियों का मानना है कि नशे के कारण मामूली विवाद ने बाद में जानलेवा रूप ले लिया, इसीलिए पुलिस ने सभी आरोपियों के ब्लड सैंपल फोरेंसिक जांच के लिए भेजे हैं। पुलिस को संदेह है कि कुछ स्थानों पर जानबूझकर कैमरे नहीं लगाए गए जिससे यह आशंका और मजबूत होती है कि क्लब के अंदर कुछ तो अवैध गतिविधियां चल रही थीं।
इस बीच पुलिस ने डाबो क्लब का लाइसेंस रद्द करने के लिए जिला अधिकारी को प्रस्ताव भेजा है। अधिकारियों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब क्लब विवादों में आया हो। इससे पहले भी क्लब के खिलाफ कई शिकायतें और अप्रिय घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं। इसके बावजूद प्रबंधन ने ध्यान नहीं दिया और इतनी गंभीर घटना हो गई।