विदर्भ के तापमान में गिरावट (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: पिछले एक हफ्ते से चिलचिलाती गर्मी से त्रस्त विदर्भ के नागरिकों को शनिवार को आकाश में घने बादलों ने बड़ी राहत दी। बादलों ने सूर्य की तीव्र किरणों को रोक दिया और पूरे क्षेत्र का तापमान कम कर दिया। हालांकि, उमस और गर्म हवाएं शरीर को परेशान करती रहीं। पिछला पूरा सप्ताह विदर्भवासियों के लिए अत्यधिक तपन और कष्टदायक रहा। चंद्रपुर, ब्रम्हपुरी और अकोला जैसे शहरों में पारा 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया था, जिसके चलते ये शहर दुनिया के सबसे गर्म शहरों की सूची में शामिल हो गए थे।
नागपुर सहित अन्य शहरों में भी तापमान 44 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा और पूरे विदर्भ क्षेत्र में सूर्य ने अपनी प्रचंड तपिश से कहर बरपाया। इस भीषण गर्मी ने आम नागरिकों को बुरी तरह परेशान कर दिया था। इस बीच, मौसम विभाग ने 27 अप्रैल से अवकाली बारिश और तूफान की संभावना व्यक्त की थी, और यह पूर्वानुमान सही साबित हुआ। शनिवार सुबह तापमान अपेक्षाकृत अधिक था, लेकिन दोपहर होते-होते मौसम में बदलाव आया और आकाश में घने बादल छा गए। इन बादलों ने सूर्य की तीव्र किरणों को रोकते हुए तापमान में उल्लेखनीय गिरावट ला दी।
नागपुर का तापमान 1.4 डिग्री की गिरावट के साथ 42.6 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। वहीं, चंद्रपुर में तापमान 3.4 डिग्री घटकर 42 डिग्री सेल्सियस हो गया। हालांकि, ब्रम्हपुरी में शनिवार को भी तापमान 44.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो उस दिन विदर्भ का सर्वाधिक तापमान था। इसके अलावा, अन्य जिलों में भी बादलों के कारण तापमान में 1 से 2 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई।
मौसम विभाग के अनुसार, हालांकि अप्रैल के पूरे महीने नागरिकों को तेज गर्मी का सामना करना पड़ा, लेकिन अब महीने का अंत और मई की शुरुआत अपेक्षाकृत तापमुक्त रहने की संभावना है। अगले कुछ दिनों तक बेमौसम बारिश और तेज हवाएं चल सकती हैं, जिनकी गति 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है। मई के पहले सप्ताह में तापमान स्थिर रहने की संभावना है, लेकिन उसके बाद पुनः बढ़ने का अनुमान है।
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भिवापुर तहसील में शनिवार शाम 6 से 7 बजे के बीच तेज़ आंधी और हल्की बारिश ने दस्तक दी। अचानक आए तेज हवाओं ने स्थानीय नागरिकों में हलचल मचा दी। कई स्थानों पर पेड़ों की टहनियां और पत्ते टूटकर गिरने की घटनाएँ भी सामने आईं। बारिश के चलते वातावरण में थोड़ी ठंडक जरूर महसूस हुई, लेकिन इस हल्की बारिश का किसानों पर खास असर नहीं पड़ा। लगातार बढ़ रही गर्मी के बीच किसानों को उम्मीद थी कि बारिश से उन्हें राहत मिलेगी और फसलों को भी फायदा पहुंचेगा। हालांकि, बारिश की मात्रा बहुत कम होने के कारण यह उम्मीद पूरी नहीं हो सकी। किसानों को जिस मात्रा में वर्षा की आवश्यकता थी, वह नहीं मिल पाई, जिससे उन्हें निराशा का सामना करना पड़ा।
जिला | तापमान |
---|---|
अकोला | 43.9 डिग्री सेल्सियस |
अमरावती | 42.8 डिग्री सेल्सियस |
भंडारा | 41.0 डिग्री सेल्सियस |
बुलढाणा | 37.6 डिग्री सेल्सियस |
ब्रह्मपुरी | 44.2 डिग्री सेल्सियस |
चंद्रपुर | 42.0 डिग्री सेल्सियस |
गडचिरोली | 42.2 डिग्री सेल्सियस |
गोंदिया | 40.9 डिग्री सेल्सियस |
नागपुर | 42.6 डिग्री सेल्सियस |
वर्धा | 42.6 डिग्री सेल्सियस |
वाशिम | 41.4 डिग्री सेल्सियस |
यवतमाल | 42.4 डिग्री सेल्सियस |