8 कृषि सेवा केंद्रों के लाइसेंस निलंबित (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nagpur District: खरीफ सीजन के चलते नागपुर जिले में रसायनिक खाद की गुणवत्ता और समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कृषि विभाग ने विशेष जांच अभियान शुरू किया है। इस अभियान के अंतर्गत जिले के कृषि सेवा केंद्रों पर औचक छापेमारी और सघन निरीक्षण किए जा रहे हैं। इस दौरान कई केंद्रों पर नियमों की घोर अनदेखी और खाद बिक्री में अनियमितताएं पाई गईं, जिस पर विभाग ने कठोर कार्रवाई की है।
खरीफ सीजन में यूरिया और डीएपी जैसी रसायनिक खादों की मांग में अत्यधिक बढ़ोतरी होती है। किसान समय पर और गुणवत्तापूर्ण खाद की उम्मीद करते हैं। लेकिन, कुछ कृषि सेवा केंद्र संचालक किसानों की इस आवश्यकता का दुरुपयोग करते हुए या तो अमानक खाद बेच रहे हैं या फिर पॉस मशीन से बाहर बिक्री कर रहे हैं। इसी को देखते हुए नागपुर जिला कृषि विभाग ने गुणवत्ता नियंत्रण निरीक्षकों और फ्लाइंग स्क्वॉड के माध्यम से सघन छापेमारी शुरू की।
जांच के लिए कृषि विकास अधिकारी, जिला गुणवत्ता नियंत्रण अधिकारी और तहसील गुणवत्ता निरीक्षक की टीम गठित की गई। इस टीम ने अब तक जिले के विभिन्न हिस्सों में स्थित कृषि सेवा केंद्रों पर छापे मारकर 118 खाद के नमूने लिए, जिनमें से 16 नमूने अमानक (अप्रमाणित) पाए गए।इन मामलों में संबंधित विक्रेताओं के खिलाफ 12 प्रकरणों में पुलिस कार्रवाई करते हुए न्यायालय में केस दाखिल किए गए हैं।अमानक खाद का 1.20 मीट्रिक टन स्टॉक जब्त किया गया, जिसकी बाजार कीमत ₹1.35 लाख आंकी गई है।
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जांच में पाया गया कि कुछ कृषि सेवा केंद्र खाद का विक्रय पॉश मशीन से न कर सीधे नकद या अन्य माध्यमों से कर रहे थे, जो कि शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के विरुद्ध है। साथ ही, केंद्रों द्वारा स्टॉक और रेट बोर्ड (भाव फलक) प्रदर्शित नहीं किए जा रहे थे। इस आधार पर, ओम गणेश, रोहित, हिमांशु, वैभव, माऊली, श्रीकृष्णा आदि कृषि सेवा केंद्रों में अनियमितता पाए जाने पर 2 केंद्रों को विक्रय बंद आदेश जारी कर तालाबंदी की गई। 8 कृषि सेवा केंद्रों के रसायनिक खाद विक्रय लाइसेंस निलंबित किए गए।
नागपुर जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी रवींद्र मनोहरे ने कहा कि कृषि सेवा केंद्र संचालकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे दुकान के सामने रेट बोर्ड और स्टॉक बोर्ड लगाएं, खाद केवल पॉस मशीन से ही बेचें और किसी भी प्रकार की लिंकिंग न करें। किसानों से अनुरोध है कि यदि उन्हें खाद बिक्री या गुणवत्ता से संबंधित कोई भी शिकायत हो तो वह सीधे गुणवत्ता नियंत्रण निरीक्षक या जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी को संपर्क करें।