नागपुर एम्स में हंगामे करते परिजन (फोटो नवभारत)
Nagpur AIIMS News: नागपुर में सर्पदंश के बाद समय पर उपचार नहीं करने की वजह से 17 वर्षीय एक किशोर की मौत हो गई। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) नागपुर में किशोर की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। किशोर के पिता ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
खापरी निवासी ओम उर्फ प्रीतम नंदकिशोर येरुणकर (17) को शनिवार को सुबह के वक्त अचानक हाथ पर कुछ कांटने जैसा महसूस हुआ। परिजनों को बताया लेकिन चूहा आदि द्वारा काटे जाने के कारण ध्यान नहीं दिया। करीब घंटेभर बाद प्रीतम की तबीयत बिगड़ने लगी। परिजनों ने उसे एम्स में भर्ती कराया।
इमरजेंसी में लेकर जाने पर पहले तो करीब आधा घंटा तक स्ट्रेचर ही नहीं मिला। स्ट्रेचर मिलते ही डॉक्टर के पास लेकर गये। डॉक्टर भी अनुमान नहीं लगा सके कि सांप ने कांटा होगा। उसे स्ट्रेचर पर ही रखकर सलाइन और इंजेक्शन लगाया गया। हालत और बिगड़ने लगी तब तक रात के 10 बज चुके थे। प्रीतम की सांस बंद होने लगी।
प्रीतम की हालत बिगड़ती देख परिजनों का गुस्सा फूटने लगा उन्होंने हंगामा शुरू कर किया। इसके बाद सभी डॉक्टर इकट्ठा हुए। कुछ लोग घटना का वीडियो भी बनाने लगे। तब जाकर डॉक्टर हरकत में आये और उसे सीपीआर दिया गया। इसके बाद उसे आईसीयू में भर्ती किया गया। तब तक प्रीतम की तबीयत गंभीर हो चुकी थी।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) नागपुर डॉक्टरों के मुताबिक प्रीतक को सांप ने डसा था। सुबह से रात तक शरीर में जहर फैल चुका था। इस वजह से रात को उसकी मौत हो गई।
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प्रीतम के पिता नंदकिशोर येरुणकर ने बताया कि आईसीयू में भर्ती करने तक हालत गंभीर हो गई थी। उसे वेंटिलेटर लगाया गया लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी। डॉक्टरों से तत्काल इलाज करने की कई बार मिन्नत की गई। यदि डॉक्टरों द्वारा समय पर लक्षण समझकर उसका इलाज किया जाता तो जान बच सकती थी।
इस संबंध में वाइल्डलाइफ वेलफेयर सोसाइटी के सर्प अध्ययनकर्ता नितिश भांदक्कर ने बताया कि सर्पदंश होने पर लक्षण देखकर उपचार किया जाना चाहिए था। उसे मण्यार प्रजाति के सांप ने डसने की आशंका है क्योंकि मण्यार रात के वक्त ही निकलता है। कई बार इसके लक्षण देरी से दिखाई देते हैं।