नाना पटोले और मोहन भागवत (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Nagpur Politics: गणेश चतुर्थी पर बाप्पा के विचार अगर सरकार ने आत्मसात किए होते तो आज राज्य में आंदोलन की स्थिति नहीं बनती। समाज में वैमनस्य पैदा करने का काम इस सरकार ने किया है जिससे उसकी मानसिकता स्पष्ट होती है। सरकार को जातिगत जनगणना करानी चाहिए। कांग्रेस ने भी यही भूमिका स्पष्ट की है।
इससे आरक्षण से जुड़े सभी सवाल हल हो जाएंगे। यह सुझाव कांग्रेस नेता नाना पटोले ने महायुति सरकार को दिया। इस दौरान उन्होंने राज्य की जनता को गणेशोत्सव की शुभकामनाएं भी दीं।
नाना पटोले ने कहा कि जातिगत जनगणना की संरचना कैसी होगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है। न्यायालय के निर्णय का स्वागत होना चाहिए और सरकार को आगे आकर चर्चा करनी चाहिए। जब राज्य जल रहा था तब सरकार उद्योगपतियों से हाथ मिला रही थी। भाजपा का झूठ पिछले 11 वर्षों से देखा जा सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अनेक घोषणाएं कीं लेकिन उनका कार्यान्वयन नहीं हुआ। वे स्वयं को ओबीसी प्रधानमंत्री बताते हैं लेकिन ओबीसी समाज को न्याय नहीं दे पा रहे हैं। किस हिस्से से किसे न्याय मिलेगा इस पर बहस करने से बेहतर है कि जातिगत जनगणना की जाए।
आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत के दिल्ली भाषण पर प्रतिक्रिया पूछे जाने पर नाना पटोले ने कहा कि हर संगठन को अपना ध्येय बताने का अधिकार है। वे जैसा बोलते हैं, वैसा होना चाहिए। यही कह सकता हूं। पटोले ने मांग की कि इस देश में अनेक जातियां आरक्षण के लिए खड़ी हैं। ऐसे में जातिगत जनगणना आवश्यक है।
यह भी पढ़ें – Nagpur Weather: बारिश के साथ विघ्नहर्ता का हुआ स्वागत, खिली धूप..पड़ीं बौछार, भक्तों का जोश हाई
विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए मैंने यह प्रस्ताव रखा था। आज राज्य में ट्रिपल इंजन की सरकार है, इस सरकार को न्याय देना चाहिए। एक किसान ने लाइव आत्महत्या करते समय सरकार का नाम लिया था, इसलिए सरकार पर आपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए।
मनोज जरांगे पाटिल के आंदोलन पर उन्होंने कहा कि सरकार को 2 कदम आगे आना चाहिए। पाटिल की बातों को समझना चाहिए और समस्या का समाधान करना चाहिए। आज से गणेशोत्सव शुरू हो रहा है। उनकी मांग सरकार के पास है, इसलिए सरकार को सभी पहलुओं पर विचार करना चाहिए।