माइग्रेन (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Migraine Symptoms and causes: काम में होने वाली व्यस्तता तथा हमेशा होने वाली भागदौड़ आदि कारणों से सिरदर्द की समस्या लोगों में बढ़ती है। इसे ही माइग्रेन का सिरदर्द भी कहा जाता है। माइग्रेन की परेशानी बड़ी बीमारी है, जो सिर के एक छोर पर या दोनों छोर पर उमड़ती है। इस बीमारी से दूर रहने के लिए उचित आहार लेना व तनाव से दूर रहना आवश्यक है।
माइग्रेन का आघात होने पर सामने का न दिखना, बेचैनी होना, उल्टी आना, रोशनी, आवाज, गंध, स्पर्श सहन नहीं होना, चेहरे पर झनझनाहट होना आदि लक्षण दिखाई देते हैं। जिससे समय पर ध्यान देना आवश्यक है। खाद्यपदार्थ, स्मार्टफोन, टीवी अधिक समय तक देखना ऐसे विभिन्न कारणों से माइग्रेन का प्रमाण बढ़ गया है। माइग्रेन यानी सिरदर्द ऐसा अनेक लोग समझते है। लेकिन उससे भी आगे बढ़ने वाली यह बीमारी है। आम सिरदर्द के तौर पर अनेक लोग इस बीमारी की ओर अनदेखी करते है। ऐसी स्थित उक्त बीमारी संदर्भ में है।
माइग्रेन साधारण सिरदर्द नहीं है। संबंधित व्यक्ति के सिर का एक हिस्सा या दोनों हिस्सों में व्यापक सिरदर्द होता है। व्यक्ति को अधिक तनाव आने, मस्तिष्क की नाड़ियों में रुकावट आने से माइग्रेन होता है। जो खाने की आदत, वातावरण के बदलाव, तनाव, नींद न आना या अधिक नींद से संबंधित हो सकता है। स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त निद्रा जरूरी है।
तनाव होने पर पर्याप्त नींद नहीं आती है। इसका परिणाम व्यक्ति के स्वास्थ्य पर होता है। स्वस्थ्य रहने के लिए संतुलित आहार महत्वपूर्ण है। इसके लिए आहार में ताजे फल, सब्जी तथा उचित अन्नपदार्थ खाये। शरीर स्वस्थ्य होने पर मन भी प्रसन्न रहता है। शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए नितदिन 30 मिनट व्यायाम करें।
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काम का बोझ बढ़ने से व्यक्ति निरंतर चिंता करने लगता है। उसे अनेक बार भागदौड़ करनी पड़ती है। इससे मन सुन्न होता है। साथ ही आहार, विहार में असंतुलन, जीवनशैली में बदलाव, आवश्यक निंद नहीं होना, मोबाइल, टीवी घंटो-घंटो देखना यानी कुल मिलाकर सिर को अधिक तनाव देने पर माइग्रेन की समस्या निर्माण होती है। इस बीमारी से बचने चिंतामुक्त रहे।