शिर्डी एयरपोर्ट (सोर्स: सोशल मीडिया)
Maharashtra Airports Development News: महाराष्ट्र सरकार एक नई योजना के तहत राज्य के छोटे हवाई अड्डों को विमान पार्किंग हब में बदलने की तैयारी कर रही है। इससे न केवल हवाई अड्डों का बेहतर उपयोग होगा बल्कि विमान कंपनियों का खर्च भी कम होगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
राज्य के कई छोटे हवाई अड्डों पर विमानों का आगमन और प्रस्थान सीमित होने के कारण ये हवाई अड्डे महंगे होते जा रहे हैं। मुंबई और दिल्ली जैसे बड़े हवाई अड्डों पर जगह की कमी के कारण विमान कंपनियों को अपने विमान अन्य शहरों में पार्क करना पड़ता है। इससे ईंधन खर्च में 20-30% की बढ़ोतरी और समय की बर्बादी होती है।
उदाहरण के लिए मुंबई में एक बोइंग 737 विमान की रातभर का पार्किंग खर्च 10,000 से 20,000 रुपये तक हो सकता है। इस समस्या को हल करने के लिए महाराष्ट्र सरकार शिर्डी, बारामती, यवतमाल, धाराशिव, लातूर और नांदेड़ जैसे छोटे हवाई अड्डों को पार्किंग हब के रूप में विकसित कर रही है।
सरकार ने हाल ही में इस योजना पर चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की। इसमें रनवे पर लाइटिंग सिस्टम, रडार सुविधाएं और अन्य सुरक्षा उपायों को लागू करने पर जोर दिया गया। इन हवाई अड्डों पर रात में उतरने की सुविधा शुरू की जाएगी, ताकि 24 घंटे उनका उपयोग हो सके। केंद्र सरकार और निजी विमान कंपनियों के साथ मिलकर इस योजना को जल्द लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
महाराष्ट्र सरकार की इस योजना से विमान कंपनियों के लिए पार्किंग खर्च 20-30% तक कम होगा जिससे नए रास्ते शुरू करने में मदद मिलेगी। शिर्डी और नांदेड़ जैसे धार्मिक स्थलों पर बेहतर सुविधाएं मिलेंगी जिससे पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। स्थानीय अर्थव्यवस्था बढ़ेगी।
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यवतमाल, धाराशिव और लातूर जैसे छोटे शहरों में रोजगार के 10,000 से अधिक अवसर पैदा होंगे। मालवाहक उड़ानों में वृद्धि से स्थानीय उद्योगों को फायदा होगा। फिलहाल मुंबई के विमान अहमदाबाद, नागपुर और गोवा में पार्क किए जाते हैं।
इस योजना से महाराष्ट्र के हवाई अड्डों की पार्किंग क्षमता दोगुनी होगी जिससे मुंबई और दिल्ली पर दबाव कम होगा। साथ ही 100% विदेशी निवेश की अनुमति के कारण इस योजना से विदेशी पूंजी और आधुनिक तकनीक भी आकर्षित होगी।
हवाई यातायात विशेषज्ञों के अनुसार यह योजना महाराष्ट्र को विमानन क्षेत्र में अग्रणी बनाएगी। इससे न केवल आर्थिक विकास होगा बल्कि पर्यटन और स्थानीय उद्योगों को भी नई संभावनाएं मिलेंगी।