प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Eknath Shinde Statement In Assembly: महाराष्ट्र में कुत्तों के काटने की घटनाओं और रेबीज से होने वाली मौतों के भयावह आंकड़ों पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य विधानसभा में जानकारी दी। उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) के विधायक सुनील प्रभु के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि राज्य में पिछले छह वर्षों में कुत्तों के काटने के 30 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
महाराष्ट्र में आवारा कुत्तों का आतंक चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को विधानसभा में चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए। उन्होंने बताया कि राज्य में पिछले छह वर्षों में कुत्तों के काटने के 30 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं। यह समस्या शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में गंभीर रूप से बढ़ी है।
ये आंकड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बड़ी चुनौती पेश करते हैं, खासकर तब जब 2021 से 2023 के बीच रेबीज के कारण 30 लोगों की मृत्यु भी हुई है। उपमुख्यमंत्री शिंदे ने स्वीकार किया कि ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में कुत्तों के काटने के मामलों में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है, जो चिंता का विषय है।
यह खुलासा ऐसे समय में हुआ है जब मुंबई, पुणे, नागपुर और कल्याण-डोंबिवली जैसे महाराष्ट्र के बड़े शहरों में आवारा कुत्तों की अनियंत्रित संख्या को लेकर नागरिकों में गहरी चिंता व्याप्त है। विधायक सुनील प्रभु ने भी इन्हीं शहरों में बढ़ते खतरे को लेकर सरकार से सवाल पूछा था।
यह भी पढ़ें:- नवी मुंबई एयरपोर्ट से वधावन पोर्ट तक, महाराष्ट्र में एक साल में क्या-क्या बदला? पढ़िए पूरी रिपोर्ट
नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए, राज्य सरकार ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि सभी स्थानीय निकायों को स्पष्ट रूप से पशु जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रमों और रेबीज-रोधी टीकाकरण कार्यक्रमों को तेज करने का निर्देश दिया गया है। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी को नियंत्रित करना और रेबीज के संक्रमण के जोखिम को प्रभावी ढंग से कम करना है। सरकार इन निर्देशों के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम को कम करने की दिशा में कार्य कर रही है।