3 लोगों को जिंदगी दे गया युवक। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: जिंदगी का कोई भरोसा नहीं, यह हम कई बार कहते हैं। सही भी है, जिंदगी का कुछ भरोसा नहीं, कब कैसे कोई अपना हमें छोड़ जाए, कहा नहीं जा सकता। लेकिन कई लोग अपनों के जाने के बाद भी अपना सामाजिक दायित्व नहीं भूलते और कई ऐसे प्रयास भी करते हैं जिससे अपनों को किसी न किसी माध्यम से जीवित रखा जा सके!
नांदेड़ जिले में बाइक के सामने एक जानवर आ जाने से ब्रेन डेड हुए एक युवक का सोमवार को नागपुर में अंगदान किया गया। इस युवक का नाम ओंकार अशोक अकुलवार, उम्र मात्र 21 वर्ष है और वह किनवट तालुका के मांडवा का रहने वाला था।
ओंकार के पिता अशोक ऑटो ड्राइवर हैं, घर पर मां सुमलता और बहन दीपिका (19) हैं, ऐसा परिवार है। 22 फरवरी को ओंकार रात करीब 9 बजे अपनी बाइक से घर जा रहा था, तभी सड़क पर एक जानवर से टकरा गया। इसमें वह गिर गया और उसके सिर में गंभीर चोट लग गई। इसलिए उन्हें पास के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
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उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें नागपुर मेडिकल के ट्रॉमा केयर सेंटर में स्थानांतरित कर दिया गया। यहां एक दिन तक उनका इलाज किया गया, लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं हुआ। तो सभी परीक्षणों के बाद डॉ. अविनाश गावंडे, डॉ. सुनील गजभरे, डॉ. सोमा चाम, डॉ. दीपाली विडोले, डॉ. प्रसेनजीत धावले, डॉ. सिस्टम गुरुकर नामक विशेषज्ञों की एक टीम ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया।
मेडिकल के डॉ. सुनील गजभरे, समन्वयक सुमित चाहकर, श्याम पंजाला ने अपने परिजनों को अंगदान के बारे में सलाह दी। पिता की सहमति के बाद ZTCC को सूचना दी गई। इसके बाद संयोजक दिनेश मंडपे ने युवक के परिजनों से अंगदान की सहमति के बाद अंग वितरण का निर्णय लिया।
मृत युवक का लिवर वोकहार्ट में एक 61 वर्षीय महिला में प्रत्यारोपित किया गया। एक किडनी मेडिकल की 38 वर्षीय महिला में, दूसरी वॉकहार्ट के 53 वर्षीय व्यक्ति में प्रत्यारोपित की गई। आई बैंक ऑफ मेडिकल को नेत्रदान किया गया। ZTCC अध्यक्ष डॉ. संजय कोलटे और उनके साथियों ने इसके लिए पहल की। मेडिकल की ओर से ओंकार को श्रद्धांजलि दी गई। ZTCC ने उनके पार्थिव शरीर को नांदेड़ जिले के उनके मांडवा गांव भेजने की व्यवस्था की।