
कवच युक्त पहला रेल इंजन (फोटो नवभारत)
Indian Railway Kavach System: मध्य रेल नागपुर मंडल के अजनी इलेक्ट्रिक लोको शेड द्वारा भारतीय रेल के स्वदेशी विकसित ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम ‘कवच’ से सुसज्जित पहला लोकोमोटिव (इंजन) डिस्पैच किया गया। यह मंडल के लिए बड़ी उपलब्धि है। उल्लेखनीय है कि यह तकनीक देश में ट्रेनों की टक्कर से सुरक्षा में ‘गेमचेंजर’ साबित होगी।
भारतीय रेल ने ‘शून्य दुर्घटना’ का लक्ष्य हासिल करने के लिए अत्याधुनिक ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम (एटीपीएस) विकसित किया है, जिसे ‘कवच’ के नाम से पूरे रेलवे नेटवर्क में लागू किया जा रहा है। यह प्रणाली एसआईएल-4 (सेफ्टी इंटीग्रिटी लेवल-4) जैसी सर्वोच्च सुरक्षा प्रमाणन प्राप्त तकनीक पर आधारित है।
ज्ञात हो कि ‘कवच’ इस तरह डिजाइन किया गया है कि यदि निर्धारित दूरी के भीतर एक ही लाइन पर दूसरी ट्रेन की उपस्थिति की जानकारी मिलती है, तो यह स्वतः ट्रेन को रोक देता है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत प्रथम चरण में लगभग 10,000 रेल इंजनों में ‘कवच’ लगाने का लक्ष्य है। इनमें से नागपुर मंडल के अजनी इलेक्ट्रिक लोको शेड की 312 तीन-फेज लोकोमोटिव भी शामिल हैं। वरिष्ठ मंडल रेल अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही यह प्रणाली अजनी शेड की सभी 312 लोकोमोटिव्स में स्थापित कर दी जाएंगी।
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इसी क्रम में पहले लोकोमोटिव नंबर डब्ल्यूएजी-9/31104 में हैदराबाद की मेसर्स कार्नेक्स माइक्रोसिस्टम्स इंडिया लिमिटेड द्वारा निर्मित ‘कवच’ सिस्टम लगाया गया है। इस प्रणाली में कम्प्यूटर, यूएचएफ/जीएसएम रेडियो एंटीना, आरएफआईडी रीडर, ब्रेक इंटरफेस यूनिट और पायलट ऑपरेशन व इंडिकेशन पैनल सहित कई उपकरण लगाए जाते हैं।
यह सेंसर व संचार माध्यमों के जरिए आस-पास की परिस्थितियों का डेटा एकत्र कर लगातार विश्लेषण करता है। स्टेशन और लोको टीसीएएस यूनिट हर 2 सेकंड में एक-दूसरे से डेटा साझा करते हैं। अजनी लोको शेड परिसर में बनाए गए विशेष ट्रैक पर सफल परीक्षण भी किया गया।






