टैक्स धोखाधड़ी (सौजन्य-सोशल मीडिया, कंसेप्ट फोटो)
नागपुर: आयकर विभाग टैक्स की चोरी करने वालों पर समय-समय पर कार्रवाई करती रहती है, बावजूद इसके इनकम टैक्स प्रैक्टिशनर्स की मदद से लोग टैक्स चोरी करने के नए-नए तरीके इजात कर ही लेते हैं। ऐसा ही एक मामला गोंदिया से सामने आया है, जहां 200 करोड़ रुपये की टैक्स रिफंड धोखाधड़ी का भंडाफोड़ इनकम टैक्स विभाग ने किया है।
इनकम टैक्स विभाग के एक सूत्र के मुताबिक विभाग की जांच शाखा ने गोंदिया स्थित एक इनकम टैक्स प्रैक्टिशनर (ITP) के ठिकानों पर छापेमारी कर 200 करोड़ की टैक्स रिफंड धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में यह सामने आया है कि 2000 से अधिक करदाताओं ने फर्जी छूट और कटौतियों के आधार पर आयकर से बचते हुए भारी टैक्स रिफंड प्राप्त किए हैं।
सूत्र ने दावा किया कि इनकम टैक्स विभाग द्वारा जांच के दौरान यह पाया गया कि संबंधित इनकम टैक्स प्रैक्टिशनर, इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करते समय ‘Any Other’ कॉलम में मनगढ़ंत आंकड़े डालकर फर्जी छूट का दावा करता था। इसके अतिरिक्त, वह ऐसे प्रावधानों के अंतर्गत छूट का उल्लेख कर रहा था जो भारतीय नागरिकों पर लागू ही नहीं होते। इनकम टैक्स प्रैक्टिशनर करदाताओं से इस फर्जीवाड़े के बदले रिफंड की राशि का 10% तक कमीशन वसूलता था।
एक अन्य सूत्र ने बताया कि जांच में एक धर्मार्थ ट्रस्ट और उसके ट्रस्टी भी इस गड़बड़ी में शामिल पाए गए हैं, जो करदाताओं को 80G के तहत फर्जी दान कटौती दिलाने में मदद कर रहे थे। इस प्रक्रिया में इनकम टैक्स प्रैक्टिशनर दान की राशि का 2% कमीशन वसूलता था। इन फर्जी कटौतियों से प्राप्त आय को वह फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के माध्यम से छिपा रहा था।
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एक अन्य चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ कि इनकम टैक्स प्रैक्टिशनर जिला परिषद के कई स्कूलों की TDS रिटर्न में भी धोखाधड़ी की है। उसने स्कूल कर्मचारियों के नाम तो यथावत रखे, लेकिन उनके PAN की जगह अपना PAN डाल दिया। इससे TDS सीधे प्रैक्टिशनर के खाते में क्रेडिट होता गया, जिसे वह अपनी व्यक्तिगत ITR में रिफंड के रूप में क्लेम करता था।
इस तरह के 70 TDS रिटर्न में हेराफेरी कर उसने अब तक ₹36 लाख का रिफंड हासिल किया है। अब तक की जांच में यह पता चला है कि 2000 से अधिक ITR और 70 TDS रिटर्न में हेराफेरी की गई है। यह कर चोरी करोड़ों रुपये तक पहुंच चुकी है। आयकर विभाग ने इस मामले की जांच को तेज कर दिया है और अन्य संलिप्त व्यक्तियों और संस्थाओं की पहचान की जा रही है