ओल्ड भंडारा रोड के निर्माण। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: ओल्ड भंडारा रोड के निर्माण में हो रही देरी पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नाराजगी जताई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, “मैं पूरे देश की सड़कें बना रहा हूं, लेकिन अपने शहर की एक सड़क नहीं बना पा रहा हूं।” शनिवार को केंद्रीय मंत्री ने मनपा मुख्यालय में शहर में शुरू विभिन्न कामों की समीक्षा की, जहां उन्होंने यह बात कही। यही नहीं, केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों को सड़क निर्माण में आ रही तमाम दिक्कतों को जल्द से जल्द दूर करने का आदेश भी दिया।
उपराजधानी नागपुर में विभिन्न प्रोजेक्ट का काम शुरू है, जिसमें कई केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट भी हैं। इन कामों की समीक्षा के लिए केंद्रीय मंत्री ने शनिवार को नागपुर मनपा के सिविल लाइन्स स्थित मुख्यालय में समीक्षा बैठक की। बैठक में नागपुर जिलाधिकारी विपिन इटनकर, मनपा आयुक्त डॉ. अभिजीत चौधरी, एनआईटी चेयरमैन संजय मीणा, महाराष्ट्र राज्य अवसंरचना विकास निगम के एमडी बृजेश दीक्षित, विधायक प्रवीण दटके, संदीप जोशी, पूर्व महापौर दयाशंकर तिवारी सहित जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक की शुरुआत केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ओल्ड भंडारा रोड से की। केंद्रीय मंत्री ने सड़क निर्माण में हो रही देरी सहित अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, “पिछले 12 साल से यह मामला लंबित है। इस दौरान पांच जिलाधिकारी और सात मनपा आयुक्त बदल गए, लेकिन यह सड़क नहीं बन पाई है। अब ऐसा लगता है कि इसके निर्माण में हो रही देरी को लेकर गिनिस वर्ल्ड रिकॉर्ड में भेजना पड़ेगा।”
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यही नहीं, केंद्रीय मंत्री ने निराशा जताते हुए आगे कहा कि, “मैं पूरे देश की सड़क बना रहा हूं, लेकिन अपने शहर की एक सड़क को अभी तक नहीं बना पाया हूं।” केंद्रीय मंत्री ने बैठक में अधिकारियों को जल्द से जल्द सड़क निर्माण में आ रही अड़चनों को दूर करने के आदेश दिया।
ज्ञात हो कि, ओल्ड भंडारा रोड के चौड़ीकरण का मामला पिछले दो दशक से ज्यादा समय से लंबित है। कभी मुआवजा तो कभी अदालती कार्रवाई के कारण मामला लगातार खींचता जा रहा है। सड़क चौड़ीकरण को लेकर जिन लोगों की ज़मीनें जा रही हैं, वे मुआवजे को लेकर संतुष्ट नहीं हैं। इसको लेकर उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका लगाई है, जिसकी आखिरी सुनवाई जल्द होने वाली है। वहीं, राज्य सहित केंद्र सरकार ने सड़क निर्माण के लिए अपने हिस्से के 400 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि को काफी पहले ही मंजूरी दे दी है।