बच्चू कड़ू (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Maharashtra Assembly Winter Session: गोसीखुर्द प्रकल्पग्रस्तों की मांगों को लेकर 7 वर्ष पहले किए गए आंदोलन का मामला जिला सत्र न्यायालय में लंबित है। बुधवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने विधायक बच्चू कड़ू को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया।
इस संदर्भ में प्रतिक्रिया जानने पर बच्चू कड़ू ने गंभीर आरोप लगाया कि राज्य सरकार जानबूझकर पुराने मामलों की फाइलें खोल रही हैं। पिछले कुछ दिनों में यह उनके खिलाफ जारी हुआ 9वां वारंट है। उन्होंने कहा कि अदालत का आदेश होने के कारण वह व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहेंगे।
20 अक्टूबर, 2018 को नागपुर और भंडारा जिलों के परियोजना प्रभावित सुबह से ही विधायक निवास में जमा होने लगे थे। दोपहर में बच्चू कड़ू वहां पहुंचे और उन्होंने मोर्चा निकालने की घोषणा की। महत्वपूर्ण बात यह थी कि जब यह पता चला कि विभागीय आयुक्त और जिलाधिकारी उपलब्ध नहीं हैं, तो आंदोलनकारी आक्रामक हो गए।
कुछ लोग छत पर चढ़ गए। नारेबाजी शुरू हुई और दो ड्रम नीचे फेंके गए। पूरे दिन परिसर में तनाव कायम रहा। प्रकल्पग्रस्तों ने भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास में विलंब के कारण हो रहीं परेशानियों, बिजली-स्कूल बंद, रोजगार न मिलना जैसी विविध मांगें रखी थीं।
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सड़क दुर्घटनाएं कम करने और यातायात नियमों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए “जेब्रु” नामक शुभंकर का अनावरण किया गया है। जेब्रु की एक मानवीय प्रतिकृति तैयार कर विधान भवन परिसर में जनजागरण अभियान चलाया जाना था। लेकिन इसके लिए आए जेब्रु को विधानमंडल की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का खामियाजा भुगतना पड़ा। अनुमति होने के बावजूद सुरक्षा कर्मियों ने उसे अंदर जाने नहीं दिया। इस स्थिति को देखते हुए परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक स्वयं आगे आए। वे मुख्य प्रवेश द्वार तक गए और जेब्रु के गले में हाथ डालकर उसे अंदर लेकर आए।