गणेश विसर्जन की तैयारियों का जायजा लेते मनपा आयुक्त व अन्य अधिकारी (सोर्स: सोशल मीडिया)
Nagpur Municipal Corporation Preparations for Ganeshotsav: गणेशोत्सव को भले ही अभी कुछ समय शेष बचा हो लेकिन नागपुर महानगर पालिका ने विसर्जन की व्यवस्था के लिए तैयारी शुरू कर दी है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सोमवार को मनपा आयुक्त अभिजीत चौधरी और अतिरिक्त आयुक्त वसुमना पंत ने अधिकारियों के साथ पुलिस लाइन टाकली और गोरेवाड़ा में निर्मित होने जा रहे विसर्जन के कृत्रिम टैंक का जायजा लिया।
बताया जाता है कि नागपुर शहर के बड़े तालाबों में शामिल सोनेगांव, अंबाझरी और गांधीसागर जैसे अनेक तालाबों के पास मिलाकर सिटी में कुल 415 कृत्रिम जल कुंड का निर्माण किया जाना है। आयुक्त ने उक्त दोनों स्थानों पर चल रहे निर्माण में शेष कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने की हिदायत भी अधिकारियों को दी।
गणेशोत्सव के लिए मनपा ने पर्यावरणपूरक कृत्रिम विसर्जन जल कुंड तैयार किए हैं। पुलिस लाइन टाकली में 24 बाय 10 मीटर लंबा और 4।5 मीटर गहरा विसर्जन टैंक तैयार किया जा रहा है जिसमें बड़ी गणेश मूर्तियों का भी विसर्जन किया जा सकेगा।
इस तालाब क्षेत्र में सुरक्षा दीवार, हरियाली, शौचालय, सुरक्षा व स्टोर रूम, पाइप लाइन, विद्युतीकरण और प्रकाश व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी। योजना के अनुसार विसर्जन की दृष्टि से विसर्जन तालाब का प्रारंभिक कार्य पूरा हो चुका है। यहां पंप हाउस, स्टोर रूम और सुरक्षा कक्ष का काम अंतिम चरण में हैं।
गौरतलब है कि इस वर्ष बड़ी गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए नागपुर के गोरेवाड़ा, कोराडी, कच्चीवीसा में सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। मनोज तालेवार, उपायुक्त अशोक गराटे, उपायुक्त राजेश भगत, मुख्य स्वच्छता अधिकारी डॉ. गजेंद्र महल्ले, कार्यकारी अभियंता सुनील उइके, कार्यकारी अभियंता अल्पना पाटने, उप-अभियंता संदीप लोखंडे, उप- अभियंता राजीव गौतम, प्रशांत वाघमारे आदि उपस्थित थे।
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गोरेवाड़ा तालाब के पास सिटी का सबसे बड़ा कृत्रिम विसर्जन टैंक तैयार किया जा रहा है। यह 32×18 मीटर लंबा होगा, जबकि इसकी गहराई 6.5 फुट होगी। जहां पर सिटी की सबसे बड़ी गणेश मूर्ति का भी विसर्जन किया जा सकेगा। कुंड से बिना किसी बाधा के मूर्ति बाहर निकाली जा सके, इसके लिए एक अलग सक्शन वेल की व्यवस्था की गई है।
इसके अलावा क्रेन, सफाई मशीन और निर्माल्य निपटान ट्रकों के लिए 15 मीटर का संचलन पथ तैयार किया गया है। इससे विसर्जन में बाधा नहीं आएगी। इसके अलावा मूर्ति ले जाने वाले वाहन के लिए 17 मीटर चौड़ी सड़क तैयार की गई है।
विसर्जन के दौरान अतिथियों के लिए विश्राम कक्ष और एक मंच तैयार किया गया है। कुंड में पानी को संसाधित करने के लिए ईटीपी पद्धति का उपयोग किया जाएगा जिससे इसका सीधे जमीन पर निपटान नहीं होगा। इससे मिट्टी को पेंट के हानिकारक घटकों से बचाया जा सकेगा।