नागपुर न्यूज
Nagpur Police: पुलिस अधिकारियों के नाम पर फर्जी फेसबुक आईडी बनाए जाने के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। इस बार साइबर ठगों ने ज्वाइंट सीपी नवीनचंद्र रेड्डी के नाम पर ही फर्जी आईडी बना दी। अलग-अलग बहानों से उनके परिचित लोगों से पैसों की मांग की गई। साइबर पुलिस अब इसकी जांच में जुट गई है। रेड्डी के नाम पर अज्ञात आरोपी ने फेसबुक पर खाता खोला।
उनके परिचित लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी। रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करते ही सामने से पैसों की मांग की गई। इससे परिचित व्यक्ति भी चकरा गए। उन्होंने रेड्डी से फोन पर चर्चा की। उन्होंने न तो रिक्वेस्ट भेजी थी और न ही पैसों की मांग की थी। कुछ समय बाद और भी लोगों ने उनसे संपर्क किया। किसी ने बताया कि उनके नाम से घर का सामान बेचने की जानकारी दी जा रही है। लगातार लोगों के फोन आने से रेड्डी ने साइबर पुलिस को सूचना दी।
साइबर पुलिस ने जांच भी शुरू कर दी है। बताया जाता है कि फर्जी आईडी राजस्थान के किसी गांव से एक्टिव हुई थी लेकिन आईडी बनाने वाला बार-बार अपना लोकेशन बदल रहा है। जांच के लिए पुलिस दल राजस्थान भी जा सकता है। उल्लेखनीय है कि इसके पहले पूर्व सीपी अमितेश कुमार और वर्तमान सीपी रवींद्र कुमार सिंगल के नाम पर भी फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाई गई थी।
नागपुर गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ फोरेंसिक साइंस के साइबर वॉरियर क्लब ने एनएसएस स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में एक विशेष इनडोर जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। मुख्य आकर्षण जीआईएफएसएन क्लब के साइबर वॉरियर्स द्वारा प्रस्तुत एक प्रेरणादायक और मनोरंजक नाटक रहा। इस आकर्षक प्रस्तुति ने दर्शकों के बीच साइबर सुरक्षा का महत्वपूर्ण संदेश प्रभावी ढंग से पहुंचाया और सुरक्षित डिजिटल प्रथाओं को प्रोत्साहित किया।
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कार्यक्रम में मोहन फाउंडेशन की परियोजना निदेशक वीना वाठोरे, जीआईएफएस निदेशक डॉ. संजय ठाकरे, संस्था संचालक डॉ. केजी पाटिल, डॉ. हंसी बंसल, डॉ. सीमा बोडखे, डॉ. नीति कपूर और अन्य शिक्षक व कर्मचारी उपस्थित थे। वीना वाठोरे ने युवाओं के बीच जीवन बचाने में अंगदान के महत्व के बारे में जागरूकता की। लगभग 500 लोगों की उपस्थिति वाले इस कार्यक्रम ने शिक्षा को मनोरंजन के साथ सफलतापूर्वक जोड़ा जिससे छात्रों और समुदाय में साइबर जागरूकता और जिम्मेदार डिजिटल व्यवहार के महत्व को और मजबूती मिली। क्लब के शिक्षक संयोजक डॉ. आशीष बडिये के साथ क्यूएचएफ साइबर वॉरियर क्लब, जीआईएफएस के सभी छात्रों, स्वयंसेवकों ने सहयोग किया।