बिजली कर्मियों की हड़ताल खत्म (सौजन्य-नवभारत)
Mahavitran: बिजली कंपनियों के निजीकरण के खिलाफ व अन्य विविध मांगों को लेकर बिजली कर्मियों ने 72 घंटों का कामबंद आंदोलन शुरू किया। वहीं प्रबंधन ने इसे अवैध बताते हुए हड़ताल नहीं करने की अपील की थी। महाराष्ट्र राज्य विद्युत कर्मचारी, अभियंता, अधिकारी कृति समिति के बैनर तले 7 संगठनों ने बावजूद इसके हड़ताल शुरू कर दी थी। इसके चलते प्रबंधन ने मेस्मा लागू कर कार्रवाई की चेतावनी दी थी।
पूरे राज्य में बिजली कर्मी हड़ताल पर गए तो महावितरण ने औद्योगिक न्यायालय की शरण ली। सुनवाई के बाद कृति समिति ने 24 घंटों में अपनी हड़ताल वापस लेने की घोषणा कर दी। समिति की ओर से बताया कि 14 व 15 अक्टूबर को कृति समिति के साथ प्रबंधन की चर्चा तय होने और सुनवाई के बाद औद्योगिक न्यायालय द्वारा हड़ताल खत्म करने के आदेश के चलते हड़ताल वापस ले ली गई।
इस दौरान बीते डेढ़ दिनों के हड़ताल समय में महावितरण, महापारेषण व महानिर्मिति के लगभग 63 फीसदी कर्मी, अधिकारी व अभियंताओं के कार्यालय में उपस्थित होने का दावा प्रबंधन की ओर से किया गया। मात्र 37 फीसदी कर्मचारी ही हड़ताल में शामिल हुए थे।
हड़ताल टालने के लिए अपर मुख्य सचिव (ऊर्जा) आभा शुक्ला, महावितरण के अध्यक्ष व व्यवस्थापकीय संचालक लोकेश चंद्र, संचालक सचिन तालेवार, राजेद्र पवार ने स्वतंत्र बैठक लेकर सकारात्मक भूमिका भी जाहिर की थी और कृति समिति से हड़ताल नहीं करने की अपील की गई थी।
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नागपुर के हुड़ेकश्वर थाना क्षेत्र में चोरों ने एक बंद घर को निशाना बनाकर 45,000 रुपये नकद और सोने-चांदी के गहनों समेत 2.05 लाख के माल पर हाथ साफ कर दिया। सुबह करीब 10.40 बजे गिरी बालाजी नगर निवासी सुनीता शशांक चौधरी (60) ट्यूशन पढ़ाने घर से निकलीं। दोपहर 3 बजे घर लौटने पर उन्हें मेन डोर का ताला टूटा मिला। भीतर जाकर देखने पर पता चला कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने अलमारी से 45,000 रुपये और गहने आदि समेत 2.05 लाख रुपये का सामान चोरी कर लिया। पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।