
शिक्षाधिकारी रवींद्र काटोलकर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Education Officer Ravindra Katolkar Arrest: महाराष्ट्र के बहुचर्चित बोगस शालार्थ आईडी घोटाले में साइबर पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने इस घोटाले में मुख्य भूमिका निभाने के आरोपी और वर्तमान में यवतमाल में कार्यरत शिक्षाधिकारी रवींद्र शंकरराव काटोलकर को वर्धा से गिरफ्तार किया है। बुधवार को उन्हें न्यायालय में पेश किया गया, जहाँ से उन्हें 25 दिसंबर तक पुलिस हिरासत (PCR) में भेज दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार, इस घोटाले की परतें खुलने के बाद से ही शिक्षा विभाग के कई रसूखदार अधिकारी और शिक्षा संस्थान संचालक जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस पर दबाव बनाने और जांच की दिशा मोड़ने के तमाम प्रयासों के बावजूद, साइबर पुलिस ने स्वतंत्र जांच जारी रखी। इसी कड़ी में रवींद्र काटोलकर का नाम सामने आया, जो पहले नागपुर में शिक्षाधिकारी और नागपुर विभागीय शिक्षा मंडल में उपसचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं।
काटोलकर पर आरोप है कि जब वे 24 दिसंबर 2021 से मार्च 2022 के बीच नागपुर जिला परिषद में शिक्षाधिकारी (प्राथमिक) के पद पर तैनात थे, तब उनके पास शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के वेतन से संबंधित 39 फर्जी शालार्थ आईडी के प्रस्ताव आए थे।
आरोपियों के साथ मिलीभगत कर काटोलकर ने इन प्रस्तावों का बिना किसी सत्यापन या जांच-पड़ताल के अनुमोदन कर दिया। इन फर्जी आईडी के माध्यम से सरकार के खजाने से लगभग 12 करोड़ रुपये से अधिक का वेतन अवैध रूप से आहरित किया गया, जिससे सरकारी खजाने को भारी आर्थिक क्षति हुई।
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डीसीपी नित्यानंद झा के मार्गदर्शन में साइबर थाने के वरिष्ठ निरीक्षक बलीराम सुतार और उनकी टीम ने मंगलवार को वर्धा के नालवाड़ी क्षेत्र में जाल बिछाया। पुलिस टीम ने काटोलकर को उनके निवास के समीप से हिरासत में लिया और नागपुर ले आई। न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को कल तक के लिए पुलिस रिमांड पर सौंप दिया है ताकि घोटाले के अन्य सुराग तलाशे जा सकें।
बोगस शालार्थ आईडी घोटाले की आंच अब विभाग के हर स्तर तक पहुँच चुकी है। SIT अब तक इस मामले में विभागीय शिक्षा उपसंचालक, शिक्षाधिकारी, लिपिक, स्कूलों के प्रधानाध्यापक, संचालक और सहायक शिक्षकों सहित कुल 26 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस पहले ही कई आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र (Charge sheet) दाखिल कर चुकी है। जांच टीम का मानना है कि काटोलकर से पूछताछ में कुछ और बड़े नामों का खुलासा हो सकता है।






