दिव्यांग युवाओं को मिलेगा रोजगार। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, राज्य के दिव्यांग युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इसी के तहत, आगामी 5 वर्षों में पंजीकृत दिव्यांगों को यूडीआईडी (यूनिक डिसेबिलिटी आईडी) दिया जाएगा, ताकि उन्हें रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें। सरकार दिव्यांगों के लिए योजनाएं प्रभावी रूप से लागू कर रही है, और कई स्वयंसेवी संस्थाएं भी दिव्यांगों के विकास के लिए आगे आ रही हैं।
राज्य सरकार जल्द ही ‘यूथ फॉर जॉब्स’ संस्था के साथ समझौता करेगी। इस संस्था द्वारा पहले चरण में विदर्भ और उत्तर महाराष्ट्र में रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए सरकार को सहयोग दिया जाएगा। भविष्य में इस कार्य का विस्तार कर इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। इससे दिव्यांग युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा, ऐसा विश्वास मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने व्यक्त किया।
प्राकृतिक कारणों या दुर्घटनाओं से दिव्यांग हुए व्यक्तियों को उनके अधिकार दिलाना और उन्हें सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ पहुँचाना सरकार की प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं और निर्णय लिए हैं। अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए कौशल विकास विभाग की स्थापना की गई है। इसी तर्ज पर राज्य सरकार भी युवाओं के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले ले रही है।
‘यूथ फॉर जॉब्स’ संस्था की संस्थापक और अध्यक्ष मीरा शेनॉय ने केंद्र सरकार के सहयोग से गडचिरोली जिला प्रशासन के साथ मिलकर दिव्यांग युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने का सराहनीय कार्य किया है। दिव्यांग युवाओं को उनके दिव्यांगता के प्रकार के अनुसार विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। रोजगार मेलों का आयोजन कर औद्योगिक क्षेत्र की मांग के अनुसार उपयुक्त मानव संसाधन उपलब्ध कराया जाता है।
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पहले चरण में विदर्भ और उत्तर महाराष्ट्र में इस योजना के लिए ‘यूथ फॉर जॉब्स’ संस्था कार्य करेगी। इसके लिए राज्य सरकार और स्थानीय जिला प्रशासन हर संभव सहयोग देगा। राज्य की स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाएं भी इस पहल में भाग लेकर समाज के समग्र विकास के लिए योगदान देंगी, ऐसा विश्वास मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने व्यक्त किया।
रोजगार देने वाली निजी संस्थाओं में लाइफस्टाइल इंटरनेशनल, आदित्य बिरला फैशन, रिलायंस ट्रेंड्स, आईआईएफएल, लक्ष हॉस्पिटल, मीलन कॉफी हाउस, एचपीसीएल, बीपीसीएल, सहयोग मल्टीस्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी, लोकल ऑटोमोबाइल डीलर्स, दिशा मेन पावर और सिक्योरिटी जैसी कंपनियां शामिल हैं। इसके अलावा, जो युवा नौकरी नहीं कर सकते, उन्हें स्वरोजगार के अवसर देकर समाज की मुख्यधारा में जोड़ा जा रहा है।
यह मॉडल महाराष्ट्र के सभी जिलों में लागू कर दिव्यांगों के लिए रोजगार के अधिक अवसर सृजित किए जाएंगे। राज्य में सभी दिव्यांग व्यक्तियों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले, इसके लिए उनका डिजिटल डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। 100 प्रतिशत दिव्यांगों का पंजीकरण कर उन्हें यूडीआईडी (यूनिक डिसेबिलिटी आईडी) देने की प्रक्रिया चल रही है। केंद्र और राज्य सरकार की सभी योजनाओं का लाभ दिव्यांगों तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है।