दीक्षाभूमि (सोर्स: सोशल मीडिया)
Deekshabhoomi Development Project: एनएमआरडीए ने दीक्षाभूमि के सौंदर्याकरण और पुनर्विकास परियोजना से संबंधित जनहित याचिका के जवाब में हाई कोर्ट में एक विस्तृत हलफनामा दायर किया। हलफनामे के माध्यम से दीक्षाभूमि के संशोधित डेवलपमेंट प्लान के टाइमटेबल की पूरी जानकारी दी गई जिससे परियोजना के कार्यान्वयन में जल्द ही तेजी आने की संभावना है।
एनएमआरडीए द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार विस्तृत विकास प्रारूप तैयार करने में लगभग 5 सप्ताह का समय लगेगा। प्रशासनिक मंजूरी मिलने के बाद जांच प्रक्रिया अगले 2 सप्ताह में पूरी की जाएगी और इस प्लान को अंतिम स्वीकृति के लिए सामाजिक न्याय और सहायता विभाग के पास भेजा जाएगा।
दीक्षाभूमि परिसर में पहले से चल रहे मंच और संरक्षक दीवार के निर्माण को ठेकेदार द्वारा 31 मार्च 2026 तक पूरा करने का अनुमान है। पत्थरों के काम के लिए अनुमानित रूप से 6 से 7 महीने का समय लग सकता है। एनएमआरडीए ने स्पष्ट किया है कि आचार संहिता के कारण इस पूरे विकास कार्य में विलंब हो सकता है और यह अवधि निविदा की समय सीमा से बाहर रखी जाएगी। राज्य सरकार से प्रशासनिक और वित्तीय मंजूरी मिलने के बाद ही एक नई निविदा प्रक्रिया शुरू की जाएगी। निविदा प्रक्रिया के पहले चरण में लगभग 3 महीने लगने की संभावना है, जबकि यदि आवश्यक हुआ तो अगले 2 चरणों के लिए प्रत्येक में 2 से 2.5 महीने का समय लग सकता है।
कार्यक्रम प्रक्रिया का संभावित कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया है। एनएमआरडीए ने निविदा संरक्षक दीवार के निर्माण को ठेकेदार द्वारा 31 मार्च 2026 तक पूरा करने का अनुमान है। पत्थरों के काम के लिए अनुमानित रूप से 6 से 7 महीने का समय लग सकता है। एनएमआरडीए ने स्पष्ट किया है कि आचार संहिता के कारण इस पूरे विकास कार्य में विलंब हो सकता है और यह अवधि निविदा की समय सीमा से बाहर रखी जाएगी। राज्य सरकार से प्रशासनिक और वित्तीय मंजूरी मिलने के बाद ही एक नई निविदा प्रक्रिया शुरू की जाएगी। निविदा प्रक्रिया के पहले चरण में लगभग 3 महीने लगने की संभावना है, जबकि यदि आवश्यक हुआ तो अगले 2 चरणों के लिए प्रत्येक में 2 से 2.5 महीने का समय लग सकता है।
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