नागपुर. नियमों का खुला उल्लघंन करके यात्रियों की जान से खिलवाड़ करने वाले प्राइवेट बस संचालक अब खाकी वर्दी से भी नहीं डरते. उनके कर्मचारी खुलेआम ऑन ड्यूटी अधिकारियों को अकेले देखकर गालियों से लेकर धमकियां तक देने से नहीं डर रहे. पिछले 3 दिनों से ऐसा ही एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें प्राइवेट बस के कर्मचारी नागपुर प्रादेशिक परिवहन विभाग के वर्दीधारी अधिकारी को चालान ठोकने पर अपशब्द कहते हुए धमकियां देते हुए दिखाई दे रहा है. कुछ दिन पहले चिंमामणी ट्रैवल्स की बस में नाशिक में आग लग गई थी जिसमें 11 यात्रियों की झूलसने से मौत हो गई थी और 38 यात्री बुरी तरह जख्मी हो गये थे. ऐसे में आरटीओ द्वारा प्राइवेट बसों क जांच शुरू है.
वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि चालान मिलने से गुस्सायें प्राइवेट बस कर्मचारी किस हद तक वर्दी पर मौजूद अकेले आरटीओ अधिकारी पर जोर दिखा रहे हैं. यहां तक अधिकारी को वर्दी वाला गुंडा तक कह दिया. इसके बाद वहां मौजूद दूसरा व्यक्ति कहता है कि तेरे से बड़े गुंडे हैं हम. फोन पर ही बात कर लेता तो इतनी बात नहीं करनी पड़ती. इस दौरान कम से कम 10 कर्मचारियों ने अकेले आरटीओ अधिकारी को घेर रखा था. शालीनता से बात करने की हिदायत देने पर कर्मचारियों ने अधिकारियों पर अपशब्दों की बौछार कर दी. चालान से गुस्साया कर्मचारी अधिकारी पर ही चढ़ गया और जोर-जोर से पूछने लगा कि कितने दिन लगते हैं कमाने में, पता है क्या. इस दौरान अधिकारी ने पूरा संयम बनाये रखा.
त्योहारों का सीजन शुरू है. नागपुर से पुणे, मुंबई, औरंगाबाद, नाशिक, भोपाल, इंदौर, हैदराबाद, रायपुर, बिलासपुर जैसे बड़े शहरों के अलावा गड़चिरोली, यवतमाल, चंद्रपुर आदि शहरों के लिए चलने वाली बसें हाउसफुल चल रही हैं. हर बार तरह की एक बार फिर प्राइवेट बस संचालकों ने पुरानी और खटारा बसें सड़कों पर उतारकर यात्रियों की जान से खिलवाड़ शुरू कर दिया. एक दिन पहले ही ओवरसटी बस पर कार्रवाई के दौरान पता चला कि उक्त बस का इमरजेंसी डोर खुलने की स्थिति में ही नहीं था.
संभवत: ऐसी ही स्थिति नाशिक में बस में आग लगने के दौरान बनी हो. त्योहारी सीजन होने से यात्रियों की संख्या में एकाएक हुई बढ़ोतरी का पूरा फायदा उठाने के लिए बस संचालक पूरे साल खड़ी खटारा बसों को डेंटिंग-पेंटिंग और पर्दे बदलकर चलाना शुरू कर देते हैं. न तो इनके इंजन की गारंटी होती है, न ही टायरों की. इन दिनों सिटी में कुरेदे हुए नंबर वाली सवारी बसें भी नजर आने लगी हैं.