संघ के गीतों का संग्रह (सौजन्य-एक्स)
Nagpur News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि संघ के गीतों का उद्गम मातृभूमि के प्रति समर्पण है। इन गीतों के रचयिता भले ही रिकॉर्डेड न हों, फिर भी देशभक्ति की भावना वही है। रविवार को खासदार सांस्कृतिक महोत्सव समिति द्वारा सुरेश भट सभागार में ‘संघ गीतों के संग्रह’ का लोकार्पण समारोह आयोजित किया गया था। इस दौरान डॉ. भागवत ने उपस्थितों का मार्गदर्शन किया।
कार्यक्रम में गायक शंकर महादेवन द्वारा रचित 10 गीत शामिल थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, खासदार सांस्कृतिक महोत्सव समिति के अध्यक्ष अनिल सोले मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और भारत माता की छवि पर पुष्प अर्पित करने के साथ हुई।
शंकर महादेवन ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की ‘निर्माणों के पावन युग में हम चरित्र निर्माण न भूलें’ और श्रीधर भास्कर वर्णेकर की ‘मनसा सतत स्मरणीयम’ की रचना प्रस्तुत की। महादेवन ने जैसे ही साने गुरुजी का गीत ‘बालसागर भारत होवो’ प्रस्तुत किया तो सभागार में ‘भारत माता की जय’ के स्वर गूंज उठे। इसके पश्चात कृष्णगोपाल ने ‘हम करें राष्ट्र आराधना’ गीत का महत्व समझाया।
डॉ. भागवत ने आगे कहा कि संगीत और शब्द भावनाओं के वाहक हैं। अच्छे शब्द सीधे हृदय तक पहुंचते हैं और यदि वे संगीत के साथ हों तो उनका ग्रहण और भी अधिक गतिशील हो जाता है। संघ गीतों के शब्दों के पीछे जीवन की तपस्या छिपी है। संघ गीतों के लिए कवि मिलना कठिन है। जीवन की तपस्या ही स्वयंसेवकों द्वारा रचित इन गीतों को जन्म देती है।
उन्होंने यह भी बताया कि संघ के पास भारत की सभी भाषाओं में गीत हैं और उनकी संख्या 25,000 से अधिक है। डॉ. भागवत ने गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि इससे पहले जब शंकर महादेवन संघ के एक कार्यक्रम में आए थे तब उन्होंने कहा था कि संघ का कार्यक्रम एक सरगम लगता है, आज उन्होंने अपने सरगम से संघ का निर्माण किया है। संचालन प्रसिद्ध अभिनेता शरद केलकर ने किया। पूर्व महापौर अनिल सोले ने धन्यवाद ज्ञापन किया। जयप्रकाश गुप्ता, मानकर, राजेश बागड़ी, दीपक खिरवडकर ने कार्यक्रम की सफलता के लिए कड़ी मेहनत की।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि संघ का हर गीत अत्यंत प्रेरक है जो लोगों को जीवन जीने की प्रेरणा देता है। संघ के गीतों के माध्यम से ‘स्वार्थ साध्य करते हुए विश्व कल्याण को नहीं भूलना चाहिए’ का अमर भाव व्यक्त होता है। ये गीत कालजयी रहेंगे। फडणवीस ने जोर देकर कहा कि संघ के गीत देशभक्ति और टीम भावना का संचार करते हैं।
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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की कि शंकर महादेवन को आगामी खासदार सांस्कृतिक महोत्सव में संपूर्ण संघ गीत संग्रह से 25 गीत गाने और सूत्र संचालन के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस संघ बुद्धिजीवी ने ‘शत नमन माधव चरण’ गीत सुना, वह हमेशा के लिए उसकी स्मृति में बस गया। शब्द सुर की शक्ति से संघ भाव सीधे हृदय तक पहुंचता है और हमारे व्यक्तित्व पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।