नागपुर. कोरोना खत्म होने के बाद प्रशासन ने भी तमाम तरह के प्रतिबंध हटा दिये है. पिछले तीन महीने से कॉलेज पूरी क्षमता के साथ शुरू हो गये हैं. इस हालत में विवि प्रशासन ऑफ लाइन परीक्षा की तैयारी कर रहा है लेकिन छात्र संगठनों द्वारा सतत रूप से विरोध जारी है. छात्रों का कहना है कि वर्षभर कॉलेज ऑनलाइन होने से परीक्षा भी ऑनलाइन ही ली जानी चाहिए. उच्च शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने राज्यभर के विश्वविद्यालयों में ऑफलाइन परीक्षाएं लेने के निर्देश दिये है.
आरटीएम नागपुर विवि प्रशासन ने ऑफलाइन परीक्षा की घोषणा भी कर दी है. घोषणा के बाद अब छात्र संगठन ऑफलाइन परीक्षा का विरोध कर रहे हैं. उपकुलपति प्रा. सुभाष चौधरी ने छात्र संगठनों की मांग को देखते हुए ऑनलाइन परीक्षा के बारे में एक रिपोर्ट तैयार कर विभाग को भेजने का आश्वासन दिया है. यदि सरकार की ओर से ऑनलाइन परीक्षा को हरी झंडी दिखाई गई तो फिर छात्रों को राहत मिल सकती हैं लेकिन सूत्र बताते हैं कि ऑनलाइन परीक्षा की संभावना कम ही है.
ऑनलाइन परीक्षा को लेकर अब भी कई प्राध्यापक सहमत नहीं है. प्राध्यापकों का कहना है कि ऑनलाइन परीक्षा से छात्रों का ही नुकसान हो रहा है. परीक्षा बहुवैकल्पिक प्रश्न पद्धति होने से छात्रों की लिखने की आदत कम होने लगी है. इससे उन्हें अगली कक्षाओं में परेशानी आ सकती है. बोर्ड 10वीं व 12वीं की परीक्षा ऑफलाइन ली. जबकि इन छात्रों की वर्षभर ऑनलाइन क्लासेस ही चली. जब बोर्ड के छात्रों के लिए दिक्कतें नहीं आई तो फिर कॉलेज के छात्रों को क्या परेशानी है. कुछ प्राध्यापकों का यह भी कहना है कि अब छात्रों को ऑनलाइन की आदत हो गई है. इस वजह से भी ऑफलाइन का विरोध कर रहे हैं.
ऑनलाइन परीक्षा को लेकर अब तक राष्ट्रवादी विद्यार्थी कांग्रेस और एनएसयूआई की ओर से आंदोलन किये गये. दोनों ही संगठन महाविकास आघाड़ी सरकार से जुड़े हुये हैं. इस वजह से उनकी मांगें मान्य होने की उम्मीद भी बढ़ गई है. फिलहाल छात्र अब भी संभ्रम की स्थिति में है. उन्हें अब तक पता नहीं है कि परीक्षा ऑनलाइन होगी या ऑफलाइन ली जाएगी. यही वजह है कि अब सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की जाने लगी है.