सीएम देवेंद्र फडणवीस (सौजन्य-सोशल मीडिया)
CM Devendra Fadnavis Statement: बीड में हुए आत्महत्या प्रकरण की जांच एसआईटी द्वारा पूरी हो चुकी है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में प्रश्नोत्तर के दौरान यह जानकारी दी कि इस मामले से जुड़े अन्य तथ्यों की गहनता से पड़ताल करने के लिए न्यायालयीन जांच भी की जा रही है। मुख्यमंत्री ने सदन को आश्वासन दिया कि इस मामले में जल्द ही आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा। फोरेंसिक रिपोर्ट के माध्यम से भी इस घटना की सच्चाई उजागर हुई है।
मुख्यमंत्री ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया, जिसके कारण समाज में गुस्से की लहर फैल गई थी। जांच के बाद इस मामले के आरोपी गोपाल बदने और प्रशांत बनकर को गिरफ्तार किया गया। फोरेंसिक और डिजिटल रिपोर्टों से यह बात उजागर हुई है कि आत्महत्या करने वाली डॉक्टर के हाथों की लिखावट उसी की थी।
जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी मृतका पर दबाव डालकर ‘अनफिट’ प्रमाण पत्र प्राप्त कर रहे थे। इसके लिए विशेष रूप से उसे एक स्वतंत्र विशेष दिन पर ड्यूटी पर लगाया जाता था। आरोपी बदने ने पहले डॉक्टर को शादी का लालच दिया और बाद में उसका शारीरिक शोषण भी किया।
वह जिस होटल में ठहरी थी, वहां के सीसीटीवी फुटेज भी सामने आए हैं, जिसमें आरोपी और घटनाक्रम की पूरी जानकारी दर्ज की गई है। मामले की अधिक जांच के लिए एक महिला आईपीएस अधिकारी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए कई और पहलुओं की जांच के लिए एक न्यायाधीश की नियुक्ति की गई है।
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सदन में कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार ने बार-बार मृतका की ही ड्यूटी लगाने पर सवाल उठाया और इस प्रकरण को दहशत पैदा करने वाला बताया। नाना पटोले, ज्योति गायकवाड़, अमित साटम, सुनील प्रभु तथा अन्य विधायकों ने भी इस विषय पर प्रश्न उठाए।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रकाश सोलंकी ने आत्महत्या करने वाली डॉक्टर के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की। मुख्यमंत्री ने इस पर स्पष्ट किया कि डॉक्टर 11 महीने की संविदा पद्धति पर कार्यरत थी, इसलिए अनुकंपा के आधार पर नौकरी नहीं दी जा सकती। हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि मानवीय दृष्टिकोण से जो भी मदद हो सकती है, वह की जाएगी।