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बिल्डरों पर मेहरबान MIDC, रेजिडेंशियल प्लॉट्स को लेकर उद्योजकों को दिखा रहे ठेंगा, नहीं बढ़ा टर्नओवर

Butibori MIDC Controversy: बूटीबोरी एमआईडीसी पर बिल्डरों को फायदा पहुंचाने का आरोप, उद्योजकों को रेजिडेंशियल प्लॉट्स से वंचित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग।

  • By प्रिया जैस
Updated On: Oct 26, 2025 | 08:50 AM

बिल्डिंग (सौजन्य-IANS)

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Builders vs Industrialists Nagpur: किसी भी औद्योगिक क्षेत्र में जमीन को पाने का सबसे पहला हक उद्योजकों का होता है, लेकिन बूटीबोरी औद्योगिक क्षेत्र की बात करें, तो यहां पर एमआईडीसी बाहरी बिल्डरों पर ज्यादा मेहरबान है और उद्योजकों को ठेंगा दिखाने का काम कर रही है। एमआईडीसी के इसी रवैये के चलते आज उद्योजकों को कामगारों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

औद्योगिक क्षेत्र में ही कामगारों को रहने की सुविधा मिले, तो यहां पर उद्योगों को अच्छा मैनपावर उपलब्ध हो सकता है। इसके लिए उद्योजकों ने एमआईडीसी से रेजिडेंशियल प्लॉट्स देने की मांग कई बार की, लेकिन यहां के अधिकारी उद्योजकों को तवज्जो देने के बजाय बाहरी बिल्डर्स को रेजिडेंशियल प्लॉट्स उपलब्ध कराने में लगे हुए हैं।

कहीं ऐसा न हो कि इन बाहरी बिल्डर्स की वजह से औद्योगिक क्षेत्र धीरे-धीरे निजी क्षेत्र न बनकर रह जाए। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से यहां के उद्योजकों का एक ही सवाल है कि वे एमआईडीसी के इस रवैये पर किसी तरह का हस्तक्षेत्र कर उद्योजकों के साथ न्याय करेंगे।

कहीं 5 स्टार निजी क्षेत्र न बन जाए यह औद्योगिक क्षेत्र

उद्योजकों के अनुसार उनकी न तो सरकार सुन रही है और न ही एमआईडीसी में सुनवाई हो रही है। कामगारों की समस्या से बूटीबोरी एमआईडीसी औद्योगिक क्षेत्र काफी समय से जूझ रहा है और यह समस्या तब तक पूरी नहीं हो सकती जब तक एमआईडीसी यहां के उद्योजकों की डिमांड पर ध्यान नहीं देती।

यहां के रेजिडेंशियल प्लॉट्स पर उन उद्योजकों का हक है, जिनकी यूनिट यहां पर चल रही हैं लेकिन अब तो यह देखा जा रहा है कि एमआईडीसी क्षेत्र में बाहरी बिल्डर्स का दबदबा बढ़ता जा रहा है। यदि सरकार ने इस पर अभी ध्यान नहीं दिया, तो यह 5 स्टार की श्रेणी में आने वाला औद्योगिक क्षेत्र कहीं जल्द ही 5 स्टार रेजिडेंशियल क्षेत्र में तब्दील न हो जाए। इन बिल्डर्स के माध्यम से औद्योगिक क्षेत्र में बाहर के लोगों का जमावड़ा होगा, तो यहां के लोग कहां जाएंगे।

नहीं बढ़ पा रहा है टर्नओवर

वर्तमान में यहां के उद्योगों में कामगारों का टोटा इतना अधिक बढ़ गया है कि उद्योजकों का टर्नओवर तक नहीं बढ़ पा रहा है। कामगारों की कमी से प्रोडक्शन नहीं बढ़ रहा है, जिसके चलते यूनिट बड़ी होने के बजाय एमएसएमई ही रह जा रही है। आज कोई भी छोटा उद्योजक छोटी यूनिट्स से शुरू कर उसे बहुत आगे तक ले जाने का विचार करता है, लेकिन यहां पर एमआईडीसी की कार्यप्रणाली के कारण यह संभव ही नहीं हो पा रहा है।

यह भी पढ़ें – BJP में शामिल होंगे नाना पटोले? बावनकुले ने अफवाहों पर लगाया ब्रेक, बोले- विकास के लिए भाजपा…

इसके चलते इस तरह की यूनिट घरेलू स्तर से ऊपर ही नहीं उठ पा रही हैं। यदि एमआईडीसी यहां के उद्योजकों को प्लॉट्स उपलब्ध कराती है, तो वे अपने कामगारों के लिए यहां पर रेजिडेंशियल की सुविधा कर सकते हैं। यहीं के यहीं कामगार यूनिट्स में पहुंच सकते हैं। आज तो ऐसा हो रहा है कि कामगारों को बहुत दूर से बूटीबोरी आना पड़ रहा है, जिसके चलते उन्हें काफी महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। इसी महंगाई के चक्कर में और आने-जाने में बहुत अधिक समय खराब होने के चलते कामगार यहां आना नहीं चाहते।

मुख्यमंत्री को उठाना होगा कदम

उद्योजकों के अनुसार यहां उद्योगों के लिए कुशल कामगार नहीं मिल पाते। इसके कारण हम बाहर से कामगार लाकर उन्हें ट्रेनिंग देते हैं, लेकिन यहां से वे ट्रेंड होकर बाहर निकल जाते हैं। इससे यहां की हालत खराब होती जा रही है। यहां के एमआईडीसी अधिकारी से बात करो, तो वे सीधे मुंबई की तरफ उंगली दिखा देते हैं।

मुख्यमंत्री फडणवीस का गृहनगर होने के बावजूद यहां के उद्योजकों को अपने काम के लिए मुंबई पर ही निर्भर रहना पड़ेगा, तो यहां के उद्योग कैसे आगे बढ़ पाएंगे। यहां किसी तरह से सुनवाई नहीं होने से उद्योजक परेशान हो चुके हैं। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री को कदम बढ़ाते हुए परेशान उद्योजकों की समस्याओं को हल करना चाहिए। जल्द ही इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाले दिनों में बूटीबोरी एमआईडीसी की हालत खराब हो सकती है।

Butibori midc builders favoritism industrialists demand justice

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Published On: Oct 26, 2025 | 08:50 AM

Topics:  

  • Devendra Fadnavis
  • Maharashtra
  • Nagpur

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