बीजेपी करेगी कोहले का पुनर्वास, स्नातक चुनाव में हो सकते हैं उम्मीदवार (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nagpur News: दक्षिण नागपुर से भाजपा विधायक रहे सुधाकर कोहले का पार्टी इस बार स्नातक चुनाव में पुनर्वास कर सकती है। आगामी स्नातक निर्वाचन क्षेत्र चुनाव में वे बीजेपी के उम्मीदवार हो सकते हैं। दरअसल, भाजपा की लाइन रही है कि जो मतदाता पंजीयन प्रमुख होता है वही उम्मीदवार भी होता है। इस बार पूर्व विधायक सुधाकर कोहले को पंजीयन प्रमुख बनाया गया है। 2 दिन पूर्व चुनाव को लेकर हुई बैठक में राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इशारों-इशारों में इसके संकेत भी दिए थे।
हालांकि चुनावी राजनीति में अंतिम क्षण तक कुछ गांरटी नहीं दी जा सकती क्योंकि इसके पूर्व भी बीजेपी ने एक पंजीयन प्रमुख को ऐन वक्त पर साइड कर झटका दिया था लेकिन चर्चा है कि इस बार किसी बाहरी को उम्मीदवारी नहीं दी जाएगी और कोहले पक्के उम्मीदवार हो सकते हैं।
बता दें कि वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में सुधाकर कोहले को दक्षिण नागपुर सीट से भाजपा ने उम्मीदवार बनाया था। वे चुनाव जीते थे। वर्ष 2019 के चुनाव में उन्हें उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें रिपीट करेगी लेकिन उनका पत्ता काटकर मोहन मते को टिकट दे दी गई। तब कोहले काफी नाराज हुए। उन्हें पार्टी ने नागपुर ग्रामीण का जिलाध्यक्ष बनाकर नाराजगी दूर करने का प्रयास किया। वर्ष 2024 के चुनाव में वे फिर दक्षिण नागपुर सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन मते को पार्टी ने रिपीट कर उन्हें निराश कर दिया था। कहा जा रहा है कि स्नातक निर्वाचन क्षेत्र चुनाव में उन्हें मैदान में उतारकर पुनर्वास किया जा सकता है।
नागपुर संभाग में स्नातक चुनाव भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह सीट जीती थी। वे विधान परिषद में विरोधी पक्षनेता रहे। 1995 में भाजपा-सेना युति सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री थे। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने यह सीट छोड़ी व लोस चुनाव लड़ा। गडकरी के बाद अनिल सोले चुनकर आए। उस समय संदीप जोशी को पार्टी ने पंजीयन प्रमुख बनाया था लेकिन उम्मीदवारी सोले को दे दी थी।
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बीते चुनाव में सोले को दोबारा मौका देने की चर्चा थी लेकिन संदीप जोशी को मैदान में उतारा गया लेकिन वे मविआ उम्मीदवार अभिजीत वंजारी से हार गए। अब 1 वर्ष बाद फिर चुनाव होने वाला है और बीजेपी अपनी खोयी हुई सीट वापस पाने के लिए पूरा जोर लगाएगी। उम्मीदवार के रूप में सुधाकर कोहले का नाम पहले क्रमांक पर बताया जा रहा है। अब समय पर क्या होता है, किसकी लाटरी लगती है और किसका गेम होता है, यह समय पर पता चलेगा।