32 वर्षों से लटके सिंचन प्रकल्प पर फुके ने महाजन पर कसा तंज (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nagpur Winter Session: विधान परिषद के प्रश्नोत्तर काल के दौरान जब जलसंपदा मंत्री गिरीश महाजन ने पिछले 32 वर्षों से लंबित बेवारटोला डैम प्रोजेक्ट का शेष कार्य छह महीनों में पूरा करने का आश्वासन दिया, तो विधान परिषद सदस्य परिणय फुके ने इस पर तीखा तंज कसा। फुके ने कहा कि “छह महीनों में अगर इसकी फाइल ही तैयार हो जाए तो वही बहुत है।”
उन्होंने कहा कि यह प्रकल्प दशकों से अधूरा पड़ा है, ऐसे में छह महीनों में काम पूरा होना असंभव जैसा प्रतीत होता है। फुके ने मंत्री से मांग की कि अवास्तविक समयसीमा देने के बजाय एक वर्ष में कार्य पूर्ण करने का स्पष्ट आश्वासन दिया जाए। गोंदिया जिले की साकोली तहसील स्थित बेवारटोला डैम परियोजना के अंतर्गत नहरों का कार्य अब भी अधूरा है। इस मुद्दे को फुके सहित अन्य सदस्यों ने विधान परिषद में उठाया। चर्चा के दौरान प्रकल्प की धीमी प्रगति पर सदन में गहरी नाराजगी व्यक्त की गई।
मंत्री गिरीश महाजन ने सदन को बताया कि बेवारटोला डैम प्रोजेक्ट की शुरुआत वर्ष 1993 में हुई थी। वर्ष 2018 में इस परियोजना के लिए 90 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी। वर्तमान में 1,390 हेक्टेयर की सिंचन क्षमता में से केवल 315 हेक्टेयर क्षेत्र का कार्य शेष है। यह शेष कार्य जून 2025 तक, यानी छह महीनों में पूरा कर लिया जाएगा, ऐसा उन्होंने आश्वासन दिया। इस पर फुके ने सवाल उठाते हुए छह महीनों के बजाय एक वर्ष की यथार्थ समयसीमा तय करने की मांग दोहराई।
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राज्य की 261 सहकारी उपसा सिंचन संस्थाओं की कर्ज माफी की घोषणा के बावजूद इसका वास्तविक कार्यान्वयन अब तक नहीं हो पाया है। अक्टूबर 2024 में लगभग 132 करोड़ रुपये का कर्ज माफ करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन ब्याज के मुद्दे के कारण यह राशि बढ़कर अब करीब 400 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। यह मुद्दा प्रश्नोत्तर सत्र में उमा खापरे, अमित गोरखे और परिणय फुके ने उठाया। इस पर सहकार मंत्री बाबासाहब पाटिल ने बताया कि कर्ज माफी का प्रस्ताव शीघ्र ही मंत्रिमंडल की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। मंत्रिमंडल के निर्णय के बाद ही आगे की दिशा स्पष्ट होगी।