सार्वजनिक माफी मांगें सुलेखा कुंभारे (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nagpur Politics: कामठी नगर परिषद चुनाव में फर्जी वोटिंग के आरोपों को लेकर बरिएमं और भाजपा के बीच शुरू हुआ विवाद अब मानहानि के मुकदमे तक पहुंच गया है। महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बरिएमं नेता सुलेखा कुंभारे के खिलाफ कानूनी कदम उठाते हुए उन्हें 5 करोड़ रुपये के मानहानि नोटिस भेजा है। उन्होंने मांग की है कि कुंभारे उनके खिलाफ लगाए गए झूठे और अपमानजनक आरोपों के लिए बिना शर्त सार्वजनिक माफी मांगें।
वकील के माध्यम से भेजे गए नोटिस में उल्लेख है कि कुंभारे अपने बयान वापस लें तथा इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही सामग्री तुरंत हटवाएँ। साथ ही सभी मीडिया प्लेटफॉर्म पर औपचारिक खंडन जारी करने को कहा गया है। यदि 15 दिनों के भीतर यह कार्रवाई नहीं की गई तो कुंभारे के खिलाफ आपराधिक मामले सहित 5 करोड़ रुपये का हर्जाना दायर किया जाएगा। साथ ही, आरोपों से संबंधित इंटरव्यू और प्रेस कॉन्फ्रेंस की खबरें प्रसारित करने वाले पत्रकारों व संपादकों से वह समाचार हटवाएँ तथा माफीनामा प्रेस रिलीज जारी कराएं।
नोटिस में दावा किया गया है कि 4 दिसंबर को नागपुर प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस-परिषद में सुलेखा कुंभारे ने बावनकुले के खिलाफ फर्जी मतदान को बढ़ावा देने, अमीर उम्मीदवारों को समर्थन देने, सहयोगी को दलाल बताने और काले धन को संरक्षण देने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। यह प्रेस-कॉन्फ्रेंस विभिन्न समाचार चैनलों पर प्रसारित हुई थी, जिससे बावनकुले की राजनीतिक, सामाजिक और व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को गंभीर क्षति पहुँची है।
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हालांकि मानहानि के बदले 5 करोड़ रुपये का हर्जाना देने की मांग पर निर्णय अभी स्पष्ट नहीं है। नोटिस में चेतावनी दी गई है कि यदि हर्जाना नहीं दिया गया तो सुलेखताई कुंभारे और संबंधित पत्रकारों के खिलाफ सिविल या क्रिमिनल कार्रवाई शुरू की जाएगी। हालांकि मानहानि के बदले 5 करोड़ रुपये का हर्जाना देने की मांग पर निर्णय अभी स्पष्ट नहीं है। नोटिस में चेतावनी दी गई है कि यदि हर्जाना नहीं दिया गया तो सुलेखताई कुंभारे और संबंधित पत्रकारों के खिलाफ सिविल या क्रिमिनल कार्रवाई शुरू की जाएगी।