फर्जी सर्टिफिकेट देकर बन गए कलाकार। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: राज्य सरकार के सांस्कृतिक कार्य संचालनालय के माध्यम से वृद्ध लोक कलाकारों, साहित्यकारों के लिए मानधन योजना चलाई जाती है। इस वर्ष मानधन बढ़ाकर 5,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ लोगों द्वारा फर्जी प्रमाणपत्र आदि लगाकर लाभ लेने का मामला जांच में उजागर हुआ है।
ऐसे बोगस कलाकारों के खिलाफ जिला प्रशासन फौजदारी कार्रवाई का प्रस्ताव भेजने की जानकारी मिली है। कागजातों की जांच में अब तक जिले में 9 ऐसे खुलासे हुए हैं। दरअसल, जिला परिषद समाज कल्याण विभाग ने लाभार्थियों के कागजातों की जांच की, जिसमें यह फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। बोगस कलाकारों पर अब फौजदारी कार्रवाई के लिए प्रस्ताव पेश करने की जानकारी विभाग से मिली है।
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अधिकारी ने बताया कि यह तो पहले चरण की जांच का आंकड़ा है। बोगस कलाकारों की संख्या बढ़ने की संभावना है। फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों ने राज्य सांस्कृतिक कला संचालनालय का बोगस प्रमाणपत्र लगाया है। कुछ कलाकारों ने आय प्रमाणपत्र भी फर्जी दिया है। जिस व्यक्ति का कला व साहित्य क्षेत्र से कुछ भी संबंध नहीं है, उन लोगों ने भी योजना का लाभ उठाने के लिए बोगस प्रमाणपत्रों के साथ आवेदन किया हुआ है।
बताते चलें कि तत्कालीन शिंदे सरकार ने कला व साहित्य के क्षेत्र से जुड़े कलाकारों को हर महीने 5,000 रुपये अनुदान देने का निर्णय लिया था। जिले को 100 लाभार्थियों का चयन करना है। पालक मंत्री की अध्यक्षता वाली समिति यह कार्य करती है, लेकिन वर्तमान में समिति अस्तित्व में नहीं है। जिलाधिकारी इस समिति के अध्यक्ष हैं। 9 बोगस लाभार्थियों का खुलासा होने के बाद विभाग द्वारा अब सभी लाभार्थियों के कागजातों की गंभीरता से जांच की जा रही है।