छात्रों ने रोकी कार (सौजन्य-नवभारत)
Students Protest Against Carry On: राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय की प्रभारी उपकुलपति डॉ. माधवी खेड़े-चवरे को गुरुवार को फार्मेसी छात्रों के गुस्से का सामना करना पड़ा। विद्वत परिषद द्वारा बैठक में ‘कैरी ऑन’ की मांग खारिज किए जाने के बाद प्रदर्शनकारी छात्र उपकुलपति के वाहन के पास अपना गुस्सा जाहिर करने पहुंचे। इससे विश्वविद्यालय परिसर में काफी देर तक अफरा-तफरी मची रही। इन छात्रों का विरोध प्रदर्शन देर रात तक जारी रहा।
विश्वविद्यालय से संबद्ध विभिन्न फार्मेसी कॉलेजों के अंतिम वर्ष के छात्र विशेष प्रवेश अवसर (कैरी ऑन) प्रदान करने की मांग को लेकर कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। गुरुवार को हुई विद्वत परिषद की बैठक में इस मांग पर चर्चा हुई। बैठक होने के कारण दोपहर से ही उपकुलपति कार्यालय के सामने छात्रों का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया।
दिलचस्प बात यह है कि 2 अगस्त को हुई विद्वत परिषद की पिछली बैठक में भी कैरी ऑन के मुद्दे पर चर्चा हुई थी। उस समय फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया और शिक्षा विभाग के बी.एड., एम.एड., एम.पी.एड. आदि के अंतर्गत आने वाले बी.फार्मा., एम.फार्मा. और बी.एड., एम.एड., एम.पी.एड. पाठ्यक्रमों के छात्रों को कैरी ऑन का अवसर देने से इनकार कर दिया गया था। गुरुवार को हुई बैठक में भी सदस्यों ने फार्मेसी के छात्रों को कैरी ऑन देने से इनकार कर दिया। इसके कारण इस पाठ्यक्रम के लिए कैरी ऑन मिलना असंभव हो गया। इसके कारण फार्मास्युटिकल साइंस पाठ्यक्रम के छात्र आक्रामक हो गए हैं।
इस बीच, छात्रों ने गुरुवार रात तक विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि जब उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे आक्रामक हो गए। उनके विरोध पर ध्यान न दिए जाने पर एक गंभीर घटना घटी जब एक छात्र उपकुलपति के वाहन के सामने आकर उनका वाहन रोकने लगा।
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इससे भारी अफरा- तफरी मच गई और काफी देर तक तनावपूर्ण स्थिति बनी रही। स्थिति यह हुई की पुलिस को बुलाना पड़ा। छात्रों का कहना है कि जब गोंडवाना और संत गाडगेबाबा अमरावती विश्वविद्यालयों ने अपने छात्रों को कैरी ऑन योजना प्रदान करने का निर्णय लिया है तो नागपुर विश्वविद्यालय को ही क्यों एतराज है।