कार्रवाई का भी नहीं होता असर। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: सिटी के फुटपाथों की हालत यह है कि समझदार शोरूम वाले और दुकानदार भी अपनी दुकान के बाहर फुटपाथ पर कब्जा जमा लेते हैं। कार्रवाई तो होती है लेकिन इसका भी इन चिकने घड़ों पर कोई असर नहीं होता। सिटी में ऐसा एक भी बाजार क्षेत्र या सड़क नहीं है जहां फुटपाथ पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा न हो। फुटपाथ तो पैदल चलने वालों के लिए बनाया गया है लेकिन यह अतिक्रमण करने वाले ठेलों, गुमटियों और विक्रेताओं के लिए परमानेंट जगह बन चुके हैं।अतिक्रमण उन्मूलन दस्ता लगातार कार्रवाई करता रहता है लेकिन इसका असर महज घंटे-दो घंटे का ही होता है।
इधर दस्ता गुजरा उधर दोबारा कब्जा कर लिया जाता है। सिटी के फुटपाथ हॉकरों का परमानेंट ठीया बन गए हैं। अब तो फुटपाथ के बाहर सड़कों पर भी अतिक्रमणकारियों का कब्जा देखा जा रहा है। ऐसी कई सड़कें हैं जहां 2 वर्ष पूर्व तक इक्का-दुक्का ठेले व गुमटियां फुटपाथ पर नजर आती थीं लेकिन आज उन्हीं सड़कों पर बाजार लगने लगा है। इनर रिंग रोड पर ही नरेन्द्रनगर चौक से लेकर शताब्दी चौक तक बाजार सा लगने लगा है। ऐसा अनेक सड़कों का नजारा शाम को दिखता है।
बाजार क्षेत्रों की तो छोड़ ही दें। कई रिहायशी बस्तियों की मुख्य सड़कों पर और फुटपाथों पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा हो गया है और अंदरूनी चौड़ी सड़कों पर भी दादागिरी शुरू हो गई है। इसका उदाहरण देखना है तो अयोध्यानगर रोड को देखा जा सकता है। सिटी से सटे हुए इलाके विकसित हो रहे हैं। जहां-जहां सीमेंट की सड़कें बन रही हैं, साथ ही चौड़े फुटपाथ भी बनाए जा रहे हैं, वहां सड़कों का काम पूरा होते ही किनारों पर बड़ी संख्या में खानपान के ठेले, सब्जी-फल व अन्य सामान बेचने वालों का कब्जा हो रहा है।
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लगता है ये रोड या फुटपाथ बनने का इंतजार ही कर रहे होते हैं। ऐसे रिहायशी इलाकों में लोगों को इन अतिक्रमणकारियों के चलते परेशानी बढ़नी शुरू हो गई है। सिटी के भीतर तो सुबह 8 बजे के बाद ही फुटपाथों पर सब्जी, नाश्ता-चाय के ठेलों का कब्जा हो जाता है जो देर रात तक बना रहता है। नए रिहायशी इलाकों में भी ऐसा ही हाल होता जा रहा है।
बाजार क्षेत्रों में दुकानदार और बड़े शोरूम वाले भी अपनी दुकान के सामने फुटपाथ पर सामान सजाते हैं। कहीं-कहीं तो सेकंड हैंड दोपहिया और फोरव्हीलर विक्रेता फुटपाथ पर ही दुकान सजा रहे हैं। कपड़े वाले तो पूरी दुकान ही बाहर सजाते नजर आते हैं। इन्हें लगता है कि इनकी दुकान के सामने का फुटपाथ उनकी ही मालिकी का है। वहीं पूरे शहर में मार्केट एरिया में फुटपाथ पार्किंग स्थल बन गए हैं। कुछ होटलों, अस्पतालों के सामने फुटपाथ पर दोपहिया व चारपहिया वाहनों की पार्किंग ही फुटपाथ पर होती है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी नहीं होती।