चंद्रशेखर बावनकुले (फाइल फोटो)
Chandrashekhar Bawankule: राजस्व विभाग ने जमीनों की खरीदी-बिक्री प्रक्रिया में जमीनों की नापजोख के लिए अब निजी भू-मापकों की नियुक्ति का निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। प्रत्येक जिले में 150 निजी भू-मापकों की नियुक्ति की जाएगी। ये भू-मापक संबंधित क्षेत्र के प्रकरणों में नापजोख करेंगे और उसे सरकारी अधिकारी द्वारा प्रमाणित करवाएंगे।
राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने दावा किया है कि इस क्रांतिकारी निर्णय से राज्य में प्रलंबित 3.12 करोड़ प्रकरणों का तेजी से निपटारा होगा। किसी प्रकरण को आवेदन प्राप्त होने के 30 दिनों के अंदर पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वारिसों में बंटवार, अकृषि, गुंठेवारी, संयुक्त भू-संपादन नापजोख, वन हक के दावे, नगर व गावठान के माप, सीमांकन और मालिकाना हक के लिए आवश्यक नापजोख की प्रक्रिया में काफी तेजी आएगी।
बताया गया कि विभाग में भू-मापकों की संख्या कम होने के कारण एक प्रकरण के निपटारे में 3-4 महीने का समय लग जाता था जिससे नागरिकों को परेशानी होती थी। इसलिए निजी भू-मापकों की नियुक्ति का निर्णय लिया गया। इसके तहत सरकार उच्च तकनीकी योग्यता वाले व्यक्तियों को निजी भू-मापक के रूप में लाइसेंस देगी। ये भू-मापक अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर जमीन की नापजोख करेंगे। माप पूरा होने पर तहसील निरीक्षक भूमि अभिलेख, उपाधीक्षक भूमि अभिलेख या नगर भू-मापन अधिकारी नापजोख के दस्तावेज़ों का परीक्षण कर प्रमाणित करेंगे।
यह भी पढ़ें – वाड़ी में मतदाता सूची में गड़बड़ी से मचा हड़कंप, 30 से 40% मतदाता ‘गायब’, वोट चोरी की आशंका
अब पहले जमीन की नापजोख, फिर बिक्रीनाम और उसके बाद फेरफार की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। बावनकुले ने कहा कि अक्सर जमीनों की खरीदी-बिक्री में जमीन का वर्णन गलत होने या फिर जमीन वास्तविक स्थिति से भिन्न होने पर विवाद होता है। नई प्रक्रिया से जमीन के लेन-देन में पारदर्शिता आएगी और झगड़े भी कम होंगे।