
दीपक केसरकर (सौजन्य-एएनआई)
मुंबई: लोकसभा द्वारा वक्फ संशोधन बिल 2 अप्रैल को पेश किया गया। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में विधेयक पेश किया गया। वक्फ बिल संशोधन पर शिवसेना नेता दीपक केसरकर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और शिवसेना यूबीटी पर निशाना साधा है।
लोकसभा द्वारा वक्फ (संशोधन) विधेयक पारित किए जाने पर शिवसेना नेता दीपक केसरकर ने कहा, “यह एक बहुत अच्छा कदम है, क्योंकि वक्फ बोर्ड संपत्तियों का प्रबंधन करता है और उनसे प्राप्त राजस्व का उपयोग शिक्षा और कल्याणकारी योजनाओं के लिए किया जाता है। इससे समाज को लंबे समय में लाभ होगा। कलेक्टरों को दिया गया अधिकार भी एक सकारात्मक कदम है, क्योंकि उनके पास पहले से ही सभी राजस्व रिकॉर्ड हैं, जिससे सत्यापन प्रक्रिया में तेजी आएगी।”
वक्फ संशोधन विधेयक के बारे में शिवसेना यूबीटी के रुख पर शिवसेना नेता दीपक केसरकर ने कहा, “यूबीटी भाग गई। उन्होंने बालासाहेब की विचारधारा को त्याग दिया है। उनके समर्थन में जो फतवे निकले वो इसी समाज से निकले थे। यूबीटी ने हिंदुत्व छोड़ दिया लेकिन कह रही है कि हिंदुत्व नहीं छोड़ा है। यूबीटी तुष्टीकरण भी कर रही है आज उनके पास ओरिजिनल वोट नहीं बचे है, जो भी वोट है वो फतवे के वोट है।”
Mumbai, Maharashtra: On Shiv Sena UBT’s stand regarding the #WaqfAmendmentBill, Shiv Sena leader Deepak Kesarkar says, “UBT ran away. They have abandoned Balasaheb’s ideology…” pic.twitter.com/NNT7COHV9A — IANS (@ians_india) April 3, 2025
कॉमेडियन कुणाल कामरा विवाद पर शिवसेना नेता दीपक केसरकर ने कहा, “यह एकनाथ शिंदे को बदनाम करने की साजिश है। मैं इस बात का गवाह हूं कि उन्होंने कभी अपने लिए सत्ता नहीं मांगी। उनका रुख हमेशा स्पष्ट रहा- हर पार्टी की अपनी विचारधारा होती है और हर किसी को उसी पर खड़ा होना चाहिए। ”
Mumbai, Maharashtra: On the comedian Kunal Kamra row, Shiv Sena leader Deepak Kesarkar says, “This is a conspiracy to malign Eknath Shinde. I am a witness to the fact that he never sought power for himself. His stance was always clear—every party has its own ideology, and one… pic.twitter.com/LXOqg8nAVL — IANS (@ians_india) April 3, 2025
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गद्दार टिप्पणी पर दीपक केसरकर ने आगे कहा, “गद्दार ये गलत शब्द है। जो लोग अपनी विचारधारा के लिए लड़ते है उनके लिए ऐसे शब्दों का उपयोग नहीं करना चाहिए। अभिव्यक्ति की स्वत्ंत्रता का हम स्ममान करते है। लेकिन उसके लिए बनी एक रेखा को पार नहीं करना चाहिए, जिससे किसी की भावना को ठेस पहुंचे।”






