बिजली कर्मचारियों की हड़ताल खत्म (pic credit; social media)
Vasai-Virar Electricity Workers Strike Ends: महाराष्ट्र में महावितरण, महापारेषण और महानिर्मिति कंपनियों के निजीकरण और पुनर्गठन के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने 9 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक 72 घंटे की हड़ताल की थी। वसई-विरार शहर में हड़ताल में शामिल लगभग 60-65 प्रतिशत स्थायी और संविदा कर्मचारी महावितरण कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे।
शुक्रवार को महावितरण के वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारी यूनियनों के बीच बैठक हुई। इस बैठक में कर्मचारियों की मांगों और सरकार के प्रस्तावों पर चर्चा हुई, जिसके बाद कर्मचारियों ने हड़ताल वापस लेने का निर्णय लिया।
हड़ताल में कर्मचारियों ने महावितरण कंपनियों में पुनर्गठन, जलविद्युत परियोजनाओं के निजीकरण, टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी चालू (टीबीसीबी), महावितरण के 329 सब-स्टेशनों का निजीकरण और समानांतर बिजली लाइसेंस के विरोध में अपनी नाराजगी व्यक्त की। साथ ही राज्य सरकार द्वारा लागू पेंशन योजना के क्रियान्वयन और रिक्त पदों पर भर्ती की मांग भी उठाई।
महावितरण प्रबंधन ने कर्मचारियों की मांगों को गंभीरता से लिया और अगले दिन दोनों पक्षों की संयुक्त बैठक में समाधान निकाला। दीपक डोंगरे, संयुक्त सचिव, इंजीनियर्स पर्सासिएशन, वसई मंडल ने बताया कि हड़ताल में शामिल सभी कर्मचारी अब काम पर लौट रहे हैं।
वसई विद्युत श्रमिक मंडल के संयुक्त सचिव सचिन निगुडकर ने कहा कि यह फैसला कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच हुई द्विपक्षीय चर्चा का परिणाम है। सरकार ने भी आश्वासन दिया है कि कोई भी निर्णय अंतिम बैठक के बाद ही लिया जाएगा। 14 और 15 अक्टूबर को अगली बैठकें आयोजित की जाएंगी ताकि लंबित मुद्दों पर समाधान निकाला जा सके।
इस फैसले से वसई-विरार में विद्युत आपूर्ति सुचारू रहेगी और जनता को किसी तरह की बिजली समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। अधिकारियों का कहना है कि कर्मचारियों और प्रबंधन के सहयोग से बिजली वितरण सेवाओं में स्थिरता और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।