भास्कर जाधव और उद्धव ठाकरे (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: महारष्ट्र में होने वाले निकाय चुनाव से पहले उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी के अंदर खलबली मची हुई है। एक ओर जहां राज ठाकरे की पार्टी मनसे के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत अटकी हुई है। वहीं पार्टी के कई नगरसेवक दूसरे दलों का रुख कर रहे हैं। कोंकण क्षेत्र के प्रमुख नेता भास्कर जाधव भी पार्टी में अनदेखी से खिन्न हैं। यहां तक कि उन्होंने राजनीति से संन्यास का भी अल्टीमेटम दे दिया है।
जाधव की इस धमकी का असर मुंबई पर भी हुआ है। यूबीटी प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि जब जाधव मुंबई आएंगे तो हमारे पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे खुद उनसे बात करेंगे। उन्होंने जाधव की शान में कसीदे पढ़ते हुए कहा कि वे एक सच्चे शिवसैनिक हैं। उनकी इमेज एक आक्रामक नेता की है और वे अच्छा बोलते हैं। ऐसे में आखिर में उनके मन में क्या चल रहा है। उनके मन में क्या दर्द है, हम उसे जरूर समझेंगे।
राउत ने यह बात सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा जाधव ने निश्चित रूप से शिवसेना के विकास में योगदान दिया है। हम सभी उनसे प्यार करते हैं। पार्टी ने जो भी उन्हें जिम्मेदारियां दी हैं, उन्होंने उसे सही तरीके से पूरा किया है। ऐसे में उनसे जरूर बातचीत कर उनकी शंकाओं का समाधान निकाला जाएगा।
हाल ही में एक सभा में भास्कर जाधव ने यूबीटी के प्रति अपनी नाराजगी का खुल कर इज़हार किया। उन्होंने कहा कि मुझे काम करने का कम मौका मिलता है। इसका मतलब है कि मेरे अंदर कुछ गड़बड़ है। जाधव ने कहा कि मैं सही को सही और गलत को गलत कहने का साहस दिखाता हूं। इसलिए मुझे इसकी कीमत चुकानी पड़ती है। लेकिन अगर इससे मेरी पार्टी को फायदा हो रहा है और मुझे नुकसान हो रहा है तो मुझे इससे दुखी होने की कोई वजह नहीं है।
जाधव ने उद्धव साल 2019 में उद्धव ठाकरे की अगुवाई में बनी महाविकास आघाडी सरकार में मंत्री न बनाए जाने से भी नाराज़ हैं। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी की तरफ से मंत्री पद का दावेदार था। लेकिन मुझे मौका नहीं मिला। इसके बावजूद मै बैठ कर रोया नहीं। बल्कि पार्टी के हितों के लिए सत्ताधारी दलों के नेताओं से लड़ता रहा।
जाधव ने कहा कि आठ अलग-अलग चुनाव जीतने के बाद अब मुझे ऐसा लगता है कि मुझे अब रुकने के बारे में सोचना चाहिए। इस तरह उन्होंने राजनीति से संन्यास के भी संकेत दिए हैं। जाधव ने यह भी कहा कि शिवसेना की असली ताकत हमारी शाखा प्रमुख हैं। लेकिन हाल के वर्षों में शाखा प्रमुख मुख्यधारा से अलग हो गए हैं। निकाय चुनाव से पहले दिया गया यह बयान काफी अहम है।
भास्कर जाधव ने यह कह कर भी सनसनी फैला दी है कि राकां अध्यक्ष शरद पवार की पार्टी छोड़कर शिवसेना में शामिल होना उनके जीवन की सबसे बड़ी गलती थी। हालांकि उन्होंने कहा इसका मतलब यह नहीं है कि मुझे इसका पछतावा है। लेकिन मैंने जो निर्णय लिया वह गलत था। उन्होंने गुहागर निर्वाचन क्षेत्र में आयोजित शिवसेना पार्टी शिविर के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए यह खुलासा किया।