शिंदे गुट में शामिल यूबीटी कार्यकर्ता (सौजन्य-एक्स)
मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। शिवसेना यूबीटी को करारा झटका लगा है क्योंकि उद्धव ठाकरे गुट के कार्यकर्ताओं और कई विधायक एकनाथ शिंदे की पार्टी में शामिल हो गए है। स्थानीय निकाय चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे है, वैसे-वैसे एकनाथ शिंदे उद्धव ठाकरे की पार्टी को खाली कर रहे है। एकनाथ शिंदे के इस दांव ने उद्धव ठाकरे को चिंता में डाल दिया है।
शिवसेना प्रमुख नेता एवं उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को अमरावती में आयोजित शिवसेना पार्टी के महासम्मेलन में उपमुख्यमंत्री की उपस्थिति में अमरावती की जनता से संवाद किया तथा स्थानीय निकाय चुनाव में शानदार जीत का विश्वास जताया। इस बैठक में आगामी चुनाव के साथ-साथ लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में भी शिवसेना का विजयी भगवा फहराने का निर्णय लिया गया।
इस अवसर पर पूर्व शिवसेना विधायक संजय बंड की पत्नी प्रीतिताई संजय बंड ने सार्वजनिक रूप से शिवसेना की सदस्यता ग्रहण की। साथ ही धनंजय बंड, यूबीटी तालुका प्रमुख सुनील डीके, गोपाल लांजुरकर, सतीश काले, अमोल पहेली, सागर बहुतकर, पंकज रेगे, योगेश गुंडे, गजानन पाटिल, पिट्टू अनासने, सागर घोडे, तुकाराम चांदेकर सहित यूबीटी समूह के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भी भगवा धारण कर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
🏹LIVE l 09-05-2025 📍मुक्तागिरी निवासस्थान, मुंबई 📹 मा. उपमुख्यमंत्री महोदयांच्या उपस्थितीत मुंबईतील उबाठा गटाचे माजी नगरसेवक व पदाधिकारी यांचा शिवसेनेत जाहीर पक्षप्रवेश – लाईव्ह https://t.co/VLtI6iCrwh — Shivsena – शिवसेना (@Shivsenaofc) May 9, 2025
इस सभा में शिवसेना नेता आनंदराव अडसुल, मंत्री उदय सामंत, मंत्री संजय राठौड़, मंत्री संजय शिरसाट, मंत्री आशीष जयसवाल, कैप्टन अभिजीत अडसुल और अमरावती जिले के शिवसेना पदाधिकारी उपस्थित थे।
जानकारी दें कि महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव कराने के सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दे दिए। सुप्रीम कोर्ट ने अगले 4 महीने के अंदर-अंदर राज्य में मनपा चुनाव कराने के आदेश दिए है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से राज्य में इच्छुक दावेदारों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। साथ ही कार्यकर्ताओं ने चुनाव की तैयारियां भी शुरू कर दी है। लेकिन इसी फैसले ने विपक्ष का सिरदर्द भी बढ़ा दिया है। दरअसल, विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद विपक्ष के कार्यकर्ताओं ने अपना पाला बदल लिया है। विपक्ष की हार देखते हुए विपक्ष के कार्यकर्ताओं ने पक्ष में अपनी जगह बना ली है।