शिवसेना (यूबीटी) नेता सूरज चव्हाण (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: बंबई हाई कोर्ट ने खिचड़ी घाेटाले के आरोपी और शिवसेना (यूबीटी) के नेता सूरज चव्हाण को बड़ी राहत दी है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोर्ट ने चव्हाण को कोर्ट ने जमानत दे दी है। बंबई उच्च न्यायालय ने कोविड-19 महामारी के दौरान मुंबई में प्रवासी श्रमिकों को ‘खिचड़ी’ के पैकेट वितरित करने में कथित घोटाले से जुड़े धन शोधन (Money Laundering) मामले में शिवसेना (यूबीटी) नेता को मंगलवार को जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव ने कथित घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में शिवसेना (यूबीटी) सूरज चव्हाण की जमानत याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि वह एक वर्ष से अधिक समय से जेल में हैं और मुकदमे की सुनवाई निकट भविष्य में पूरी होने की संभावना नहीं है।
बंबई हाई कोर्ट ने कहा कि “अगर आवेदक की हिरासत आगे भी जारी रहती है तो यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत त्वरित सुनवाई और निजी स्वतंत्रता की गारंटी के उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा।”
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जनवरी 2024 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी शिवसेना (शिवसेना) की युवा शाखा ‘युवा सेना’ की कोर कमेटी के सदस्य सूरज चव्हाण को गिरफ्तार किया था।
महाराष्ट्र की खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
ईडी का धन शोधन का मामला मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के बाद सामने आया है। ईडी के अनुसार, बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने कोविड-19 के कारण लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान मुंबई में फंसे प्रवासी श्रमिकों को खिचड़ी के पैकेट वितरित करने के लिए ‘फोर्स वन मल्टी सर्विसेज’ के बैंक खाते में 8.64 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए।
ईडी ने दावा किया कि यह घोटाला 3.64 करोड़ रुपये का था, जिसमें से 1.25 करोड़ रुपये उद्धव गुट के नेता सूरज चव्हाण के बैंक खाते में और 10 लाख रुपये उनकी साझेदारी वाली कंपनी ‘फायर फाइटर्स एंटरप्राइजेज’ के खाते में स्थानांतरित कर दिए गए।
केंद्रीय एजेंसी ने आरोप लगाया कि इस प्रकार आरोपी सूरज चव्हाण ने 1.35 करोड़ रुपये की ‘आपराधिक आय’ अर्जित की जिसका इस्तेमाल उन्होंने संपत्ति खरीदने और डेयरी व्यवसाय में निवेश करने के लिए किया।