डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे व सीएम देवेंद्र फडणवीस (डिजाइन फोटो)
Mumbai News: सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) सहित राज्य के अन्य सभी स्थानीय निकायों के चुनाव 31 जनवरी 2026 से पहले कराने का निर्देश दिया है। जिसके बाद राज्य के सियासी दलों ने अपनी चुनावी तैयारी तेज कर दी है। इसके साथ-साथ सत्तारूढ़ महायुति में शामिल सियासी दल ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करने के लिए दबाव तंत्र का इस्तेमाल करने लगे हैं। खासकर पूरे राज्य का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने वाले मुंबई महानगरपालिका के चुनावों के लिए उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 100 सीटों पर दावा ठोंक दिया है।
सूत्रों का दावा है कि 2017 में हुए आखिरी बीएमसी चुनाव में शिवसेना द्वारा जीती गई सभी 83 सीटों के अलावा पार्टी में शामिल हुए मनसे के 6 तथा 3 निर्दलीय एवं 8 अन्य सीटों पर अपना प्रभाव होने का दम भरते हुए शिंदे गुट में 100 सीटों की मांग करने का निर्णय एक बैठक के बाद लिया गया है। इससे महायुति में टेंशन बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं।
227 नगरसेवकों वाली मुंबई महानगर पालिका के लिए आखिरी बार वर्ष 2017 में चुनाव हुए थे। तब शिवसेना को 83 सीटों पर जीत हासिल पर जीत हासिल हुई थी। तो वहीं चुनाव में जीतने वाले राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के 6 नगर सेवक पाला बदलकर शिवसेना में शामिल हो गए थे। वर्ष 2022 में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में हुई ऐतिहासिक बगावत के बाद शिवसेना दो धड़ों में बंट गई। पुरानी शिवसेना के ज्यादातर नगर सेवक पाला बदल कर शिंदे की शिवसेना में शामिल हो गए। तो वहीं कांग्रेस, मनसे तथा निर्दलीय चुनाव जीतनेवाले कुछ अन्य नगरसेवक भी पाला बदल कर डीसीएम शिंदे के खेमे में शामिल हो गए हैं। इस तरह से करीब 60 पूर्व नगरसेवकों का बल शिंदे की शिवसेना के पास मौजूद है।
निकाय चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) तथा राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के गठबंधन की अटकलें लगाई जा रही हैं। दावा किया जा रहा है कि इसका सीधा नुकसान डीसीएम शिंदे की शिवसेना को हो सकता है। दूसरी तरफ महायुति में मुंबई मनपा चुनाव को लेकर जबरदस्त रस्साकशी होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है। क्योंकि मुंबई मनपा में अपना महापौर बनाने का मंसूबा रखने वाली बीजेपी कम से कम 150 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है।
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जबकि अजीत पवार की राकां को भी कुछ सीटों की मांग करेगी ही। महायुति के एक अन्य महत्वपूर्ण घटक दल रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रामदास आठवले भी 24 सीटों की मांग कर रहे हैं। ऐसे में शिवसेना (शिंदे गुट) को कम सीटों पर समझौता करने का दबाव बढ़ेगा। संभावित दबाव को कम करने के लिए डीसीएम शिंदे की शिवसेना की ओर से 100 सीटों की मांग शुरू हो गई है।