भांडुप में रेहड़ी वालों का कब्जा (pic credit; social media)
Street vendors at Bhandup Station: मुंबई के भांडुप पश्चिम में नागरिकों को रोजाना भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्टेशन रोड और उसके आसपास के इलाकों की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि यहां से गुजरना आम लोगों के लिए चुनौती बन गया है।
स्टेशन रोड पर जगह-जगह गड्ढे पड़े हैं, जिससे पैदल चलने वालों को दिक्कत होती है। हालात और बिगड़ जाते हैं क्योंकि फुटपाथ, जो राहगीरों के लिए बने हैं, उन पर फेरीवालों का कब्जा है। रेहड़ी-पटरी वालों ने अपना स्थायी डेरा डालकर फुटपाथों को पूरी तरह बंद कर दिया है। नतीजा यह है कि लोगों को सड़क पर चलना पड़ता है, जहां वाहनों की भीड़ और दुर्घटनाओं का खतरा हमेशा बना रहता है।
यही नहीं, स्टेशन के मुख्य निकास मार्ग पर बेस्ट की बसें खड़ी रहती हैं। इसके साथ ही शेयर ऑटो की लंबी कतारें और अवैध फेरीवालों की भीड़ मिलकर रास्ता पूरी तरह जाम कर देती हैं। स्टेशन से बाहर निकलते ही लोगों को रास्ता खोजने में मशक्कत करनी पड़ती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां चलना बेहद मुश्किल हो गया है।
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स्थानीय निवासी अर्चना कुमार बताती हैं, “यहां चलना मुश्किल है, रिक्शा और फेरीवालों से रस्ता बंद रहता है। बेस्ट की बस खड़ी रहती है। यह स्टेशन का मुख्य रास्ता है। बस, शेयर ऑटो की लाइन और फेरीवालों से ज्यादा मुसीबत हो रही है।”
हालांकि, नागरिकों की ये परेशानियां नई नहीं हैं। पिछले कई सालों से भांडुप पश्चिम में यही हालात बने हुए हैं। महानगरपालिका की तरफ से कभी-कभार कार्रवाई की जाती है और फेरीवालों पर जुर्माना लगाया जाता है, लेकिन कुछ ही दिनों में वे फिर वापस लौट आते हैं। इससे साफ जाहिर है कि कार्रवाई केवल दिखावटी है और स्थायी समाधान की दिशा में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
लोगों का कहना है कि फेरीवालों की समस्या के कारण न सिर्फ पैदल चलना मुश्किल हो गया है, बल्कि ट्रैफिक जाम और प्रदूषण भी बढ़ रहा है। स्कूल जाने वाले बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं के लिए तो यह और भी ज्यादा परेशानी का सबब है। स्थानीय नागरिक अब मांग कर रहे हैं कि मनपा और पुलिस मिलकर इस समस्या का स्थायी हल निकालें। जब तक फुटपाथ और सड़कें फेरीवालों और ऑटो वालों के कब्जे से मुक्त नहीं होंगी, तब तक भांडुप पश्चिम स्टेशन क्षेत्र का यातायात सुधरना मुश्किल है।