
महाविकास आघाड़ी (सौ. सोशल मीडिया )
Maharashtra Local Body Election: बीएमसी चुनाव से पहले महाविकास आघाडी में फूट के संकेत दिखाई दे रहे हैं। इसकी बड़ी वजह कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) और पूर्व मुंबई प्रमुख भाई जगताप का वह बयान है, जिसमें उन्होंने बीएमसी चुनाव में उद्धव व राज ठाकरे की पार्टी से गठबंधन न करने की बात कहते हुए अपने दम पर चुनाव लड़ने की बात कही है।
इसके बाद शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने बृहस्पतिवार को विपक्षी एकता पर जोर दिया और महाराष्ट्र में आगामी नगर निकाय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने की जरूरत बताई।
साथ ही उन्होंने कांग्रेस में मराठी नेतृत्व से मुंबई के लिए “आसान खतरे” को भांपने और शहर को “बचाने” का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अगर उनकी पार्टी को चुनाव पूर्व गठबंधन के बारे में बात करनी पड़ी तो वह कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व से संपर्क करेगी।
राज्यसभा सदस्य राउत ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि विपक्ष को भाजपा को हराने और मुंबई को “बचाने” की जरूरत है। कांग्रेस नेताओं को मराठी भाषी क्षेत्रों को मिलाकर एक नए राज्य के निर्माण के लिए लड़ाई लड़ने बाली संयुक्त महाराष्ट्र समिति के इतिहास को समइरना होगा, जिसके तहत शहर को बचाने के लिए सभी दल एक साथ आए थे।
राउत ने कहा कि में इस पर कोई राय व्यक्त नहीं करूंगा कि कौन क्या कह रहा है। कांग्रेस ‘इंडिया’ गठबंधन और महा विकास आघाडी (एमबीए) में हमारी सहयोगी है। इंडिया’ गठबंधन एमवीए और अस्तित्व एक पार्टी के कारण नहीं है।
इसमें कांग्रेस जैसी अन्य पार्टियां भी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मराठी नेतृत्व को मुंबई के लिए आसन्न खतरे” के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए महा विकासः आघाडी में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी और एकां शरद पवार गुट शामिल हैं। राउत ने कहा कि अगर किसी ने बृहनमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) या स्थानीय निकाय चुनावों पर अलग रुख अपनाया है तो यह उनकी अपनी मर्जी है। हम कोई रुख नहीं अपनाएंगे या ऐसा कोई बयान नहीं देंगे जिससे हमारे सहयोगियों को परेशानी हो।
मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भाई जगताप के बयान पर सफाई देते हुए मुंबई कांग्रेस की अध्यक्ष और सांसद वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि यह उनका निजी बयान है। उन्होंने इस बात को एडमिट किया कि पीएसी की बैठक में कुछ सदस्यों ने बीएमसी चुनाव अकेले लड़ने की बात जरूर उठाई थी। लेकिन इस पर अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान को ” करना है।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेता उद्धव व राज ठाकरे की बढ़ती नजदीकी को लेकर चिंतित है। उन्हें लगता है कि अगर महाविकास आधाड़ी में राज को एंट्री दी गई तो उत्तर भारतीय वोटर्स नाराज हो सकते है और इसका खामियाजा उन्हें बीएमसी चुनाव में भुगतना पड़ सकता है, यही वजह है कि अब कांग्रेस, उद्धव के साथ-साथ राज से दूरी बनाना चाह रही है।
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