सेंट्रल रेलवे सुरक्षा कवच (pic credit; social media)
Maharashtra News: भारतीय रेलवे ने सुरक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए सेंट्रल रेलवे की 50वीं लोकोमोटिव में स्वदेशी विकसित ‘कवच’ प्रणाली को सफलतापूर्वक फिट किया है। रविवार को कल्याण इलेक्ट्रिक लोको शेड में इस प्रणाली से लैस इंजन को हरी झंडी दिखाई गई। रेलवे बोर्ड ने पहले चरण में सेंट्रल रेलवे की 730 लोकोमोटिव में कवच लगाने की मंजूरी दी है।
इस प्रोजेक्ट के तहत एचबीएल को 170, कर्नेक्स को 278, क्वाड्रेट को 276 और जीजी ट्रॉनिक्स को 6 इंजन फिट करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सभी लोको शेडों में तेजी से काम चल रहा है।
‘कवच’ एक स्वदेशी विकसित ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम (ATP) है। इसका उद्देश्य रेलवे सुरक्षा को नई ऊंचाई पर ले जाना है। यह प्रणाली ट्रेन को सिग्नल पासिंग एट डेंजर (SPAD), ओवरस्पीडिंग और आपसी टकराव से बचाती है। ट्रेन और स्टेशन के उपकरण लगातार रेडियो लिंक के माध्यम से रियल टाइम डेटा का आदान-प्रदान करते हैं। इस आधार पर सिस्टम गति सीमा लागू करता है और मूवमेंट अथॉरिटी तय करता है, जिससे संचालन और अधिक सुरक्षित व विश्वसनीय बनता है।
वेस्टर्न रेलवे इस दिशा में सबसे आगे है। उसके पास कुल 850 इंजन हैं, जिनमें से 118 पर ‘कवच’ इंस्टॉलेशन पूरा हो चुका है। शेष इंजनों पर तेजी से काम जारी है और इसे दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। वेस्टर्न रेलवे ने लोको इंस्टॉलेशन के साथ-साथ स्टैटिक इंस्टॉलेशन और विभिन्न सेक्शनों में ट्रायल भी सफलतापूर्वक पूरे किए हैं।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि ‘कवच’ प्रणाली लागू होने से न केवल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि संचालन की दक्षता और ट्रेनों की समयबद्धता भी बढ़ेगी। सेंट्रल रेलवे की 50वीं लोकोमोटिव पर यह इंस्टॉलेशन रेलवे सुरक्षा की दिशा में एक अहम उपलब्धि है।