बलात्कार केस से बरी हुआ युवक (pic credit; social media)
Maharashtra News: बलात्कार के आरोप में छह साल जेल में बिताने वाले युवक को आखिरकार अदालत से राहत मिल गई। न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में उसे बरी कर दिया। फैसले की खबर सुनते ही उसकी मां अदालत में ही बेहोश हो गई।
लिफ्ट टेक्नीशियन का काम करने वाला युवक अल्ताफ खान जनवरी 2020 से जेल में था। उस वक्त कल्याण पश्चिम के वालधुनी इलाके की एक महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि अल्ताफ ने उसकी छह साल की बेटी को अपने घर बुलाकर बलात्कार किया। महात्मा फुले पुलिस ने मामला दर्ज कर अल्ताफ को गिरफ्तार कर लिया।
अल्ताफ के परिवार का शुरू से कहना था कि वह निर्दोष है। परिवार ने कहा था कि जिस दिन की घटना का आरोप लगाया गया है, उस दिन पूरा परिवार घर पर मौजूद था। बावजूद इसके पुलिस ने उसे जेल भेज दिया।
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इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में करने का आदेश हुआ, लेकिन मुकदमे को निपटने में करीब पांच साल आठ महीने लग गए। इस दौरान अल्ताफ के वकीलों ने कई बार जमानत के लिए अर्जी दी, लेकिन कल्याण जिला सत्र न्यायालय ने उसकी अर्जी दो बार खारिज कर दी। उच्च न्यायालय ने भी दो बार उसकी जमानत याचिका ठुकरा दी।
कोविड-19 महामारी के दौरान भी अल्ताफ जेल में ही बंद रहा। आखिरकार जब अदालत में गवाहों और सबूतों की कमी सामने आई, तो न्यायाधीश ने उसे बरी करने का फैसला सुनाया। अदालत में मौजूद उसकी मां जैसे ही यह खबर सुनीं, वह भावुक होकर वहीं बेहोश हो गईं।
अल्ताफ ने रिहाई के बाद कहा, “मैंने छह साल जेल में बिताए। अब अदालत ने मुझे निर्दोष माना है। अब मैं एक नई जिंदगी शुरू करूंगा। यह मामला एक बार फिर सवाल खड़ा करता है कि झूठे आरोपों और लंबी कानूनी प्रक्रिया के चलते निर्दोषों को किस तरह सालों तक जेल में रहना पड़ता है।